न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
2015 में बंद हो चुके ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद राहुल गांधी को एक बार फिर याद किया है। ईडी ने कांग्रेस के दोनों नेताओं समन भेज ईडी दफ्तर बुलाया है। सोनिया गांधी को 8 जून को ईडी दफ्तर जाकर नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े सवालों का जवाब देंगी।
ईडी समन के बाद कांग्रेस हमलावर
ईडी की इस कार्रवाई पर कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गयी है। एक ओर जहां कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 1942 में जब नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया था, तब उस समय अंग्रेजों ने इसे दबाने की कोशिश की थी। आज मोदी सरकार भी यही काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम “डरेंगे नही, झुकेंगे नही…सीना ठोंक कर लड़ेंगे। वहीं, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए कठपुतली एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है।
क्या है ‘नेशनल हेराल्ड’ मामला?
‘नेशनल हेराल्ड’ 1938 में शुरू किया गया अखबार था जिसे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आज़ादी की लड़ाई लड़ने के लिए शुरू किया था। पंडित नेहरू ने 1937 में एसोसिएटेड जर्नल बनाया था, जिसके अन्तर्गत तीन अखबार हिंदी में नवजीवन, उर्दू में कौमी आवाज़ और अंग्रेज़ी में ‘नेशनल हेराल्ड’ शुरू किये गये। 2008 आते-आते एसोसिएटेड जर्नल ने फैसला किया कि अब अखबार नहीं छापे जाएंगे। इस समय तक एसोसिएटेड जर्नल पर 90 करोड़ रुपयों का कर्ज भी चढ़ चुका था।
यह मामला 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने उठाया था। स्वामी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी ने अपने पार्टी के पैसे से सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी यंग इंडिया को 90 करोड़ रुपए उधार दिए। उस पैसे से राहुल सोनिया की कंपनी यंग इंडिया ने नेशनल हेराल्ड अखबार निकालने वाली कंपनी एसोसिएट जनरल को खरीद लिया और उस कंपनी की करीब 5 हजार करोड़ की संपत्ति गांधी परिवार के पास आज भी मौजूद है।
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