न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
वर्ष 2022 का पहला सूर्यग्रहण शनिवार की मध्य रात्रि 12.15 मिनट से सूर्यग्रहण शुरू होगा। ग्रहण का समापन रविवार प्रात: 4 बजकर 7 मिनट पर होगा। यह यह ग्रहण भारत में नहीं दिखायी देगा, और भारत में सूतक भी नहीं लगेगा, लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य ग्रहण का प्रभाव दुनिया में सभी पर किसी न किसी प्रकार पड़ेगा ही। वैज्ञानिक दृष्टि से भी देखा जाये तो इसका अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ता ही है। क्योंकि ग्रहण के समय सूर्य से निकलने वाली हानिकारक किरणें मनुष्य को प्रभावित करती हैं। इन हानिकारक किरणों का प्रभाव सबसे अधिक गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है। इसलिए इन्हें विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
भारत में नहीं लगेगा सूतक
सूर्य ग्रहण अथवा चन्द्र ग्रहण से कुछ घंटों पहले का समय सूतक काल कहलाता है। जिसे धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अशुभ माना जाता है। सूर्य ग्रहण से ठीक 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है वहीं चंद्र ग्रहण में ग्रहण शुरू होने से 5 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। चूंकि इस सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का संयोग
आज साल सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या का खास संयोग बना है। ऐसा संयोग वर्षों बाद बनता है। शनि अमावस्या पर शनि दोषों से मुक्ति के लिए गंगा स्नान, दान और पितरों का तर्पण किये जाने का विधान है। वहीं इस तरह के संयोग से कुछ राशि के जातकों को विशेष लाभ के मिलने की संकेत हैं। जिनमें मेष, कर्क और वृश्चिक राशि शामिल हैं।
कहां-कहां दिखाई देखा सूर्य ग्रहण
साल का पहला आंशिक सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर,अटलांटिक महासागर और अंटार्कटिक महासागर के भागों में दिखाई देगा।
15 दिन बाद चन्द्र ग्रहण
आज से ठीक 15 दिन बाद एक और ग्रहण लगेगा। 16 मई को वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लगेगा। 16 मई 2022 को लगने वाला साल का पहला चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। यह चंद्र ग्रहण 16 मई की सुबह 07:58 से शुरू होगा और सुबह के करीब 12 बजे तक चलेगा।
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