कोरोना से निपटने के लिए छह महीना पहले भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ था। लेकिन अब भारत इस अभियान में पिछड़ गया है। देश में अब तक 39.5 करोड़ लोगों का ही वैक्सीनेशन हो सका है जो अपने निर्धारित लक्ष्य से कम है। और यही देश की सबसे बड़ी चिंता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंतित हैं।
राज्यों को वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश भी दे रहे हैं। लेकिन वैक्सीनेशन का काम अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पा रहा है। जून में जब विशेष वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की गयी थी तब जुलाई तक प्रतिदिन 1 करोड़ वैक्सीन का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस समय हर दिन लगभग 40 लाख लोगों का ही वैक्सीनेशन हो रहा है। अगर साल के अंत तक सम्पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करना है तो इस रफ्तार को और बढ़ाने की जरूरत है।
वैक्सीन की कम आपूर्ति एक बड़ी वजह
जनवरी में जब वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी तब वैक्सीन की आपूर्ति तो पर्याप्त थी, लेकिन लोग ही टीकाकरण के प्रति उदासीन थे। लेकिन जैसे ही दूसरी लहर ने देश पर अपना शिकंजा कसा, लोगों की आपाधापी शुरू हो गयी। केन्द्र सरकार ने जून में नये सिरे से टीकाकरण की शुरुआत की। कुछ दिनों तक वैक्सीन की आपूर्ति और वैक्सीनेशन में गति देखने को मिली। इसके बाद वैक्सीन आपूर्ति पर असर पड़ने लगा। राज्य शिकायत करने लगे कि उनके राज्य को वैक्सीन की आपूर्ति नहीं की जा रही है। नये वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिलने का भी असर आपूर्ति पर ड़ा। कुल मिलाकर आशाजनक शुरुआत के बावजूद, हाल के महीनों में वैक्सीनेशन अभियान पिछड़ गया है।
वैक्सीनेशन में वैश्विक स्तर पर भारत कहां
भारत में वैक्सीनेशन की शुरुआत अन्य देशों की अपेक्षा कुछ देर से हुई। वैक्सीनेशन की शुरुआत के कुछ समय बाद भारत का दुनिया में अपना डंका भी बजा दिया। लेकिन बड़ी आबादी का वैक्सीनेशन कोई आसान काम नहीं है। लिहाजा इस अभियान में दुनिया के देश आगे बढ़ गये और भारत पीछे रह गया। वर्तमान में दुनिया के 199 देशों में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। इन देशों में यूएई ऐसा देश है जहां अबतक सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन हुआ है।
यूएई में अबतक 77 फीसदी आबादी को पहली वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। और इनमें से भी 67 फीसदी को दूसरी डोज मिल चुकी है। भारत की आबादी करीब 1 अरब 35 करोड़ की है। और यहां अभी 39.5 करोड़ लोगों का ही वैक्सीनेशन हो चुका है। यानी भारत में अभी 30 प्रतिशत लोगों का ही वैक्सीनेशन हो सका है जबकि 2021 आधा से ज्यादा बीत चुका है। लिहाजा इस साल के अंत तक सम्पूर्ण वैक्सीनेशन एक जटिल लक्ष्य बन गया है।
50 फीसदी से अधिक वैक्सीनेशन वाले देश
यूएई के अलावा 20 देशों में 50 फीसदी से ज्यादा आबादी को वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है। इनमें सिंगापुर, कनाडा, नीदरलैंड, यूके, इजराय, स्पेन, इटली, बेल्जियम, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, फ्रांस, स्विट्जरलैंड आदि देश शामिल हैं.।
आबादी के लिहाज से टॉप वैक्सीनेशन वाले देश
यूएई जहां अपनी 77 फीसदी आबादी का वैक्सीनेशन पूरा कर अव्वल है, वही अपनी 70 फीसदी आबादी के वैक्सीनेशन के साथ सिंगापुर का प्रदर्शन भी काफी शानदार है। इस लिस्ट नौ देश ऐसे हैं जहां 60 फीसदी आबादी का वैक्सीनेशन पूरा किया हो चुका है। कनाडा में 69 फीसदी, चिली में 69 फीसदी, यूके में 68 फीसदी, नीदरलैंड में 66 फीसदी, बेल्डियम में 66 फीसदी, बेहरीन में 66 फीसदी, कतर में 66 फीसदी, इजरायल में 63 फीसदी और पुर्तगाल में 61 फीसदी लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है।
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