न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
बिहार के नौबतपुर के तरेत पाली में बाबा बागेश्वर धाम का दिव्य दरबार सजा हुआ है। बाबा के इस दरबार में आने के लिए भक्तों का रेला लगा हुआ है। गर्मी के कारण लोगों को परेशानियां खूब हो रही हैं, फिर भी उनकी श्रद्धा उन्हें बाबा दरबार तब लिये जा रही है। बिहार में जितनी शिद्दत की गर्मी पड़ रही है, बाबा के दरबार को लेकर राजनीति भी उतनी गर्म है। जब से बाबा बागेश्वर धाम के पटना आने की खबर लगी मानों बिहार की राजनीति को मिर्ची लग गयी। ऐसी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गयीं मानो बिहार में कोई भूकंप आ गया। शायद भूकंप ही आ गया था। क्योंकि बिहार भी उन राज्यों में है, जहां धर्म के नाम पर राजनीति के अलग ही मायने निकाले जाने लगते हैं। इसलिए सत्ता में शामिल दलों को लगने लगा कि कहीं बाबा बिहार में भाजपा के लिए जमीन तो बनाने नहीं आ रहे हैं, इसलिए शुरू हो गया तीखी बयान बाजियों का दौर। इस बयानबाजी में ज्यादातर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े लाग तेज प्रताप यादव और जदयू से बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर शामिल रहे।
डॉ. चन्द्रशेखर ने क्या कहा?
अगर बाबा बागेश्वर यहां गंदा काम करने आएंगे तो बिहार उन्हें इसकी इजाजत नहीं देगा।’ नफरत फैलाने के मामले में तो आडवाणी को भी यहां जेल जाना पड़ा था। बाबा को भी यहां गंदा काम करने नहीं दिया जायेगा।
तेज प्रताप यादव ने क्या-क्या कहा?
बाबा हिंदू-मुसलमान करते हैं। वह देशद्रोही हैं। जाति धर्म के आधार पर लोगों को लड़ाने का काम करते हैं। हमारी डीएसएस सेना तैयार है, ऐसे लोगों के खिलाफ लड़ाई के लिए। बाबा को एयरपोर्ट पर ही रोक लिया जाएगा।
बाबा हिंदू-मुस्लिम करेंगे तो जवाब दिया जाएगा। मेरे पास वीडियो है, समय आने पर जारी करेंगे । बाबा तो मेरे पास अपना आदमी भेजकर माफी भी मंगवा रहा है।
सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव ने क्या कहा?
बाबा महिलाओं को भूत के नाम पर नचाता है। महिलाओं के कपड़े तक खुल जाते हैं। धीरेंद्र शास्त्री के सामने जो भी जाता है वह डूब मरे। जो अपनी मां-बहन को नचाने वाले हैं, वही ऐसी जगह जाएं।
रोहिणी आचार्या ने डाली पर्ची
एक तरफ तो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव बागेश्वर धाम का विरोध कर रहे हैं, मगर उनकी बड़ी बहन रोहिणी आचार्य ने बाबा के पास अर्जी लगाई हैं। पर्ची की अर्जी से मन की बात जान लेने वाले बाबा बागेश्वर से लालू की बेटी रोहिणी ने ‘किसी बड़ी’ चीज जानने की कोशिश की है। पर्ची में रागिनी यादव में लिखा है- पर्ची वाले बाबा से यहीं हमारी विनती है बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग, हमारी करनी पूर्ति है..
बिहार में बाबा बागेश्वर के विरोध का क्या है मकसद?
बागेश्वर धाम के विरोध का मकसद यही समझा जा सकता है कि 2024 का लोकसभा चुनाव अब नजदीक आ रहा है। देशभर की पार्टियां अपने जोड़-घटाव में लगी हुई हैं। देश में जब की कोई धार्मिक (हिंदू) कार्यक्रम होता है तो सभी राजनीतिक पार्टियों की चूलें हिल जाती हैं। यही बिहार में हो रहा है। सभी दलों को यही लग रहा है कि कथा और दिव्य दरबार के बहाने बाबा कहीं बीजेपी के लिए जमीन न तैयार कर दें। इस कारण से बिहार में बाबा के विरोध की लहर चल रही है।
यह भी पढ़ें: Jharkhand: साहिबगंज में बोट एंबुलेंस का हुआ लोकार्पण, निःशुल्क उपलब्ध होगी बोट एंबुलेंस