झारखंड के पारसनाथ (Parasnath) में स्थित जैन समुदाय का पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर (Samed Shikhar) पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। केंद्र के मुताबिक, यह अब पर्यटन क्षेत्र नहीं होगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में सभी पर्यटन और इको टूरिज्म गतिविधि पर पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Minister Bhupendra Yadav) ने ट्विटर के जरिए इसकी जानकारी दी है।
केंद्र सरकार ने जारी किए गए अपने आदेश वापस लिया
केंद्र सरकार ने गुरुवार को तीन साल पहले जारी किए गए अपने आदेश को वापस ले लिया है। भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से आज पांच जनवरी को जारी दो पेज की चिट्ठी के दूसरे पेज पर लिखा गया है, ”इको सेंसेटिव जोन अधिसूचना के खंड-3 के प्रावधानों के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाई जाती है, जिसमें अन्य सभी पर्यटन और इको-टूरिज्म गतिविधियां शामिल हैं। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है।”
Sammed Shikhar falls in the eco-sensitive zone of Parasnath Wildlife Sanctuary and Topchanchi Wildlife Sanctuary.
There is a list of prohibited activities that can’t take place in and around the designated eco-sensitive area. Restrictions will be followed in letter and spirit. pic.twitter.com/rpJ7tpWhnD
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) January 5, 2023
केंद्र सरकार ने निगरानी समिति बनाई
केंद्र सरकार ने निगरानी समिति बनाई। राज्य सरकार से कहा गया है कि वह इस समिति में शामिल होने के लिए जैन समुदाय से दो सदस्यों और स्थानीय जनजातीय समूह से एक सदस्य को स्थायी सदस्य के रूप में आमंत्रित करे।
अब सम्मेद शिखर के आसपास इन पर रहेगी पाबंदी?
केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट करते हुए ज्ञापन को भी शेयर किया है, जिसमें बताया गया है कि पारसनाथ वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र पर शराब सहित अन्य नशीले पदार्थों बिक्री, तेज संगीत बजाना, लाउडस्पीकर का यूज करना, प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले काम करना, कैंपिंग, ट्रैकिंग और प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाले काम करने की अनुमति नहीं होगी। इसमें इन नियमों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है।
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