Jharkhand OBC Reservation Bill: रांची: हेमंत सरकार को राजभवन से बड़ा झटका लगा है. झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने झारखंड में ओबीसी (Jharkhand OBC Reservation Bill) सहित अन्य श्रेणी के आरक्षण की सीमा बढ़ाने से संबंधित विधेयक ‘झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022’ को राज्य सरकार को वापस लौटा दिया है। राजभवन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मार्च के पहले सप्ताह में ही Reservation Amendment Act 2022 बिल को लौटाया गया है। राजभवन की ओर से सरकार को बिल पर फिर से समीक्षा करने का सुझाव दिया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने ओबीसी, एसटी और एससी के आरक्षण प्रतिशत में बढ़ोतरी कर संशोधन बिल को पारित कराने के लिए 11 नवंबर 2022 को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था. तब यह बिल सर्वसम्मति से पारित हुआ था।
अटॉर्नी जनरल ने आरक्षण विधेयक को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के विपरीत बताया है। उनके अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय ने इंदिरा साहनी मामले में जातिगत आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत निर्धारित कर दी है, जबकि उक्त विधेयक में इस सीमा को बढ़ाकर 67 प्रतिशत करने प्रस्ताव था। उन्होंने अपने मंतव्य में आरक्षण से संबंधित अन्य न्यायादेशों का भी जिक्र किया है। बता दें कि राज्य सरकार ने यह विधेयक तत्कालीन राज्यपाल रमेश बैस के समय ही स्वीकृति के लिए राजभवन भेजा था। उन्होंने ही उसपर अटॉर्नी जनरल से मंतव्य मांगा था। इस बीच उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया। अब अटॉर्नी जनरल के मंतव्य मिलने के बाद राज्यपाल ने उक्त विधेयक को वापस लौटा दिया है।
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