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Sextortion : साइबर क्रिमिनल आया, जाल बिछाया, दाना डाला और आपको फंसाकर ले जायेगा, फिर…

Sextortion: Cyber criminal came, laid the trap, planted the seed and you are trapped

जब आपके पास बचने के हैं उपाय, फिर क्यों बनें ब्लैकमेलर का शिकार

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

बचपन में एक कहानी पढ़ी थी- एक जंगल में एक शिकारी के जाल से बचने के लिए पक्षियों के राजा ने सभी पक्षियों को एक बात रटा दी ‘शिकारी आयेगा, जाल बिछाएगा, दाना डालेगा, लेकिन उसमें फंसना नहीं’। सभी पक्षियों ने जुमला अच्छे से रट लिया। लेकिन उन्होंने उसे सिर्फ रटा, समझा बिल्कुल नहीं। क्यों जब शिकारी आया, जाल बिछाया, दाना डाला, तो लालच में आ कर सभी पक्षी जाल पर बैठ कर दाना चुगने लगे और फंस गये। फंसने के बाद भी सभी यही गा रहे थे-  ‘शिकारी आयेगा, जाल बिछायेगा, दाना डालेगा, लेकिन उसमें फंसना नहीं’। यही, हाल आज को मोबाइल यूजर्स का हो गया है। जगह-जगह शिकारी (साइबर क्रिमिनल) बैठे हैं, जाल बिछाते हैं, दाना डालते हैं और लोग उसमें फंस कर अपना सबकुछ गंवा बैठते हैं।

अब आते हैं असल मुद्दे पर! हमारे झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के साथ क्या हुआ, यह अब सबको पता है कि कैसे एक वीडियो चैट के जाल में फंस कर वह सेक्सटॉर्शन (Sextortion) के शिकार हो गये। बन्ना गुप्ता को अब सफाई देनी पड़ रही है, वहीं कांग्रेस आलाकमान इस मामले की जांच कर कोई एक्शन लेना चाहती है। दूसरी तरफ, भाजपा के वरिष्ठ नेता और राजधानी रांची के विधायक सीपी सिंह के पास भी ऐसा कॉल आया, कॉल पर उनसे अश्लील बातें की जाने लगीं। विधायक ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पर सफाई देते हुए यह आशंका जतायी कि बन्ना गुप्ता जैसा उनका कोई चैट वायरल हो सकता है। सीपी सिंह ने घटना की एफआईआर भी करा दी है।

बता दें, ये दोनों नेता झारखंड की राजनीति के दिग्गज नेता हैं। इनके साथ जब ऐसी ओछी हरकत हो सकती है तब सोचिए, आम लोगों, या फिर स्मार्ट फोन की कम जानकारी रखने वालों के साथ क्या हो सकता है। सोचिए, चैट वायरल करने वालों का मकसद किया इतना ही होता है? बिल्कुल नहीं, अपने जाल में फंसा कर उन्हें ब्लैकमेल किया जाता है। ऐसी घटनाएं झारखंड ही नहीं, देशभर में होती हैं। देशभर में क्या, दुनिया भर में होती हैं। एक छोटी-सी घटना बताने के लिए काफी है कि साइबर क्रिमिनल कैसे-कैसे हथकंडे सेक्सटॉर्शन करने के लिए अपनाते हैं।

एक शिकायत कर्ता की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने एक सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ किया था। शिकायतकर्ता के अनुसार, उसे एक अज्ञात नंबर से WhatsApp वीडियो कॉल आया, जो कि अश्लील था। शिकायतकर्ता से भूल यह हो गयी कि उसने कॉल करने वाली लड़की से कुछ देर बात कर ली। फिर कॉल तो बंद हो गयी, लेकिन मुसीबत शुरू हो गयी। इसके बाद शिकायतकर्ता को अलग-अलग तरीकों से ब्लैकमेल कर उससे 18 लाख रुपये हड़पे गये। समझ गये, ऐसा होता है, साइबर क्रिमिनल और ब्लैकमेलरों का मकसद।

यह घटना एक उदाहरण मात्र है। साइबर क्रिमिलन अलग-अलग तरीके अपना कर शिकार को जाल में फंसाते हैं। ब्लैकमेल भी करते हैं। सेक्सटॉर्शन के बेहद गंभीर दुष्परिणाम भी सामने आते हैं। ब्लेकमेल होना तो एक बात है, कई लोग तो आत्महत्या तक कर लेते हैं।

आइये जानते हैं, कैसे किया जाता है ब्लैकमेल?

जैसा कि पहले बताया गया कि पीड़ित के पास व्हाट्सअप कॉल आता है, थोड़ी देर बात होती है, इसके बाद शुरू होती है- ब्लैकमेलिंग। लेकिन आप भी सोच रहे होंगे कि उसने तो सिर्फ बात की है, फिर ब्लैकमेलिंग का मामला कैसे बन गया। दरअसल, जब अनजान व्हाट्सएप नंबर से एक वीडियो कॉल आता है, उस कॉल को रिसीव किया जाता है, दूसरी तरफ एक महिला अश्लील हरकत करती है तब महिला की साइड में बैठा कोई व्यक्ति पीड़ित की बातों या हरकत की स्क्रीन रिकॉर्ड कर लेता हैं या कॉल की तस्वीरें ले लेता हैं। फिर इसी वीडियोज या फोटोज का इस्तेमाल ब्लैकमेलर ब्लैकमेल के लिए करता है। अगर पीड़ित व्यक्ति ब्लैकमेलर के जाल में फंसने के लिए तैयार नहीं होता तो उसे बार-बार फोन करके डराया-धमकाया जाता है। ज्यादातर मामलों में लोग शर्मिंदगी के कारण शिकायत दर्ज नहीं कराते और ब्लैकमेलर के चंगुल में फंस जाते हैं। यह आश्चर्यजनक नहीं, सत्य भी है कि ऐसे हथकंडों के शिकार भोले-भाले लोग ही नहीं होते। सेना के जवान, अधिकारी यहां तक आईएएस अधिकारी भी हो चुके हैं।

आखिर इससे बचने का क्या है उपाय?

‘कर लो दुनिया मुट्ठी में’ मोबाइल के लिए वर्षों पहले यह जुमला आया था और चर्चित हुआ था, लेकिन अब यह जुमला उल्टा पड़ गया है। अब मोबाइल ने लोगों को अपनी मुट्ठी में कर लिया है। छोटे-बड़े, स्त्री-पुरुष, छात्र-छात्राएं, घर-ऑफिस हर जगह लोग मोबाइल में उंगलियां फेरते नजर आ जायेंगे। बस, इसी बात का तो फायदा ये साइबर क्रिमिनल उठाते हैं। जिज्ञासा की वजह से यूजर्स ‘ये-वो’ देखना, ’ये-वो’ ढूंढना’, तरह की साइटों, व्हाट्सऐप पर ’प्रलोभनों’ के चक्कर में पड़ना, इन सबके कारण कौन-सी साइट सही है, कौन-सा विज्ञापन धोखा देने के लिए है, किस लिंक को क्लिक करने पर किस धोखाधड़ी में फंस सकते हैं, इसके प्रति सचेत नहीं रहते और ‘शिकार’ बन जाते हैं। टेक्नोलॉजी इतनी आगे निकल चुकी है कि मोबाइल के इस्तेमाल में सावधानी रखकर ही हम खुद को ऐसी धोखाधड़ी से बचा सकते हैं। इसलिए ऐहतियात से रहे, सुरक्षित रहें।

साइबर एक्सपर्ट की सुनें, सुरक्षित रहें
  • पर्सनल वीडियो को सोशल मीडिया पर या अनजान लोगों के साथ शेयर करते समय सावधान रहें।
  • सोशल मीडिया किसी के साथ कोई भी कॉम्प्रोमाइजिंग इमेज, वीडियो शेयर न करें।
  • अगर कोई भरोसा का भी व्यक्ति है तब भी पर्सनल पोस्ट शेयर करने में सावधानी बरतें। आपकी पोस्ट डिलीज कर देने के बाद भी सुरक्षित नहीं है। आज ऐसे टूल्स मौजूद हैं जिनका इस्तेमाल कर साइबर क्रिमिनल्स कॉन्टेंट को दोबारा हासिल कर लेते हैं।
  • सबसे ज्यादा सावधानी रखने वाली बात यह है कि सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से की फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट नहीं करना चाहिए। फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने में भी सावधानी बरतनी चाहिए।
  • अपने सोशल मीडिया अकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए प्राइवेसी और सिक्योरिटी फीचर का इस्तेमाल करें।
  • सोशल मीडिया की आपकी प्रोफाइल को लॉक करने की सुविधा भी आपके मोबाइल में होनी चाहिए।
  • यह भी ध्यान रखें की फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के पास साइबर अपराध की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए “रिपोर्ट यूजर” का विकल्प है या नहीं।
  • यह भी बेहद जरूरी है कि अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और वेब कैमरों को इस्तेमाल न होने की स्थिति में बंद कर दें।
  • अपने सोशल मीडिया अकाउंट के लिए मजबूत और अलग पासवर्ड के साथ टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें। समय-समय पर अपना पासवर्ड बदले भी।
कानून क्या कहता है?

इस अपराध पर भारतीय दंड संहिता और आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जबरन वसूली (धारा 383, 384, 385), मानहानि (धारा 499, 500), आपराधिक धमकी (धारा 503, 506, 507) के तहत मामला दर्ज किया जाता है।

कुल मिला कर कहने का तात्पर्य यह है कि सोशल मीडिया पर किसी के साथ अंतरंग होने का प्रयास न करें। यह आप के लिए और आप की अस्मिता की सुरक्षा के लिए जरूरी है। इतना ही नहीं, अपने मोबाइल में निजी वीडियो और फोटोज को सुरक्षित रखने से बचें। क्योंकि ऐसे कई मोबाइल ऐप हैं जो आपकी गैलरी/स्टोरेज तक पहुंच सकते हैं, फिर…

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