न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
सर्वोच्च न्यायालय ने विपक्ष को जोरदार झटका दिया है। देश की 14 विपक्षी पार्टियां केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग किये जाने का आरोप लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं। विपक्षी नेताओं ने केंद्रीय जांच एजेंसियों के मनमाने इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की थी। साथ ही अपील की थी कि इस सम्बंध में भविष्य के लिए दिशानिर्देश जारी किये जायें। मगर विपक्षी दलों की याचिका पर प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय पीठ ने खारिज कर दी। इन पार्टियों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि मामले में सजा मिलने के एक दिन बाद यह याचिका दाखिल की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि नेताओं के लिए अलग नियम नहीं बनाए जाए सकते। सुप्रीम कोर्ट के इस कदम से विपक्षी पार्टियों को बड़ा झटका लगा है।
बता दें, इन दिनों विपक्षी पार्टियों के नेताओं के खिलाफ देश भर में जांच एजेंसियों की कार्रवाई लगातार जारी है। कई बड़े नेता भी सलाखों के पीछे पहुंच गये है। हालांकि विपक्षी पार्टियों ने राहुल गांधी को सूरत कोर्ट से सजा मिलने और उनकी लोकसभा सदस्यता छिन जाने के बाद रेस हुईं। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करते हुए विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।
कौन-कौन-सी पार्टियां पहुंची थीं सुप्रीम कोर्ट
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, झामुमो, जनता दल यूनाइटेड,, भारत राष्ट्र समिति, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), नेशनल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, द्रविड मुन्नेत्र कड़गम और कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)।
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