समाचार प्लस
Breaking झारखण्ड फीचर्ड न्यूज़ स्लाइडर

अपना लाभ देखें फिर करें शराब का व्यापार, झारखण्ड शराब व्यापारी संघ की राज्य सरकार को सलाह

See your profit then do business, advice to the government of Jharkhand Liquor Traders Association

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

झारखण्ड शराब व्यापारी संघ ने सरकार से मांग की वह 100% एडवांस ड्यूटी लेकर ही शराब व्यापार किसी को दे। सरकार अगर ऐसा करती है तो इसमें उसको कोई आपत्ति नहीं है। संघ की आपत्ति यह है कि सरकार राजस्व का जो लक्ष्य निर्धारित करती है उससे पीछे हट जाती है। 2300 करोड़ राजस्व लक्ष्य को घटाकर 2050 करोड़ कर दिया गया है इससे राज्य सरकार को निश्चित राजस्व हानि पहुंच रही है। झारखण्ड शराब व्यापारी संघ, के महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह जानकारी दी है।

पहले की नीति पर चले सरकार – संघ

संघ ने कहा कि पहले वर्ष का जो भी राजस्व निर्धारित था उसका 7.5% दो महीने का जमा करवा लिया जाता था, साथ ही 5% सिक्योरिटी जमा करवाई जाती थी। लेकिन अभी जो व्यवस्था की गयी है उसमें लाइसेंसी तो जेएसबीसीएल है, लेकिन दुकान संचालन मैन पॉवर को मामूली-सी बैंक गारंटी लेकर दे दिया जा रहा है। इसमें किसी भी प्रकार की पेनाल्टी का प्रावधान नहीं है। इस भूल के कारण आज सरकार को प्लेसमेंट एजेंसी पर केस दर्ज कर पैसा वसूली करने की नौबत आ गयी है। मगर पहले की नीति में जितना जिला का एमजीआर होता है, उसका 7.5% जमा कराना होता था। अगर ऐसा होता तो आज यह स्थिति नहीं होती।

मैन पॉवर के लिए बार-बार निविदा – संघ

संघ ने यह भी कहा कि अभी भी शराब दुकानों के संचालन के लिए मैन पॉवर के लिए बार-बार निविदा निकाली जाती है, फिर क्यों दूसरा प्रयोग किया जा रहा है। सरकार से अब झारखंड शराब व्यापारी संघ निवेदनपूर्वक कहना चाहता है कि लॉटरी सिस्टम से दुकान का आवंटन कर राज्य और स्थानीय शराब व्यापारियों के हित में जल्द निर्णय लिया जाये।

शराब व्यवसायियों को दी जाये जिम्मेदारी – संघ

संघ ने कहा कि राज्य सरकार अप्रैल माह में लॉटरी करवा कर मई माह से राज्य के शराब व्यापारियों के हाथ में जिम्मेदारी सौंपे। संघ के महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल पत्र के माध्यम से अपनी मांग राज्य के मुख्यमंत्री को दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के उत्पाद सचिव से प्रोजेक्ट भवन में 2 दिन मिलने का प्रयास किया गया।  लेकिन उत्पाद सचिव ने नहीं मिलना उचित समझा। हमारा इतना ही कहना है कि यह व्यापार जिनको भी देना चाहते हैं उन्हें दें, पर वर्ष के एमजीआर के अनुसार 7.5% और +5% लेकर ही दें। फिर संघ को कोई आपत्ति नहीं होगी।

यह भी पढ़ें: राहुल गांधी का नया आन्दोलन ‘सत्यमेव जयते’, 5 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार से शुरुआत कर बनायेंगे राष्ट्रव्यापी आन्दोलन

Related posts

प्रदर्शनकारियों की घेराबंदी के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति आवास छोड़ कर भागे, जानिए क्या हैं श्रीलंका के हालात

Sumeet Roy

JAC Result 2022 : आज जारी होंगे JAC 10वीं, 12वीं के नतीजे, ऐसे चेक करें रिजल्ट

Manoj Singh

Power Crisis in jharkhand: झारखंड में गहराया बिजली संकट, राजधानी में जारी है लोड शेडिंग, लोग हो रहे हलकान

Manoj Singh