उत्तराखंड के चमोली में हुए हिमस्खलन में 4 मजदूरों की मौत हो गयी है। इस आपदा का सबसे सुखद पहलू यह रहा कि हिमस्खलन में फंसे 55 मजदूरों में से 50 को बचा लिया गया है। उनमें कई की हालत गंभीर है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें की उत्तरराखंड के मुख्यमंत्री इस आपदा पर लगातार नजर तो बनाये हुए हैं ही। वह शनिवार को ज्योर्तिमठ भी पहुंचे, जहां उन्होंने रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया। उन्होंने घटना स्थल का हवाई निरीक्षण भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 55 में से 50 लोगों को सर्च और रेस्क्यू किया जा चुका है। बाकी पांच लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। जो लोग रेस्क्यू किए गए हैं उनको ज्योतिर्मठ लाया जा रहा है। सभी का उपचार किया जा रहा है। आवश्कता पड़ने पर उन्हें हायर सेंटर भी रेफर किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने आर्मी हास्पिटल में उपचाराधीन मजदूरों से मुलाकात कर हालचाल जाना। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि खोज बचाव कार्य में किसी भी प्रकार के आवश्यक संसाधनों की कमी न हो। जो भी आवश्यकताएं हैं, उनको समय से चिन्हित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार से पूरी मदद मुहैया कराई जा रही है।
मौके पर चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि कल सुबह छह बजे करीब माणा पास के निकट हिमस्खलन हुआ। वहीं पर बीआरओ के 57 मजदूर कंटेनरों में रहते थे, जिनमें से दो मजदूर छुट्टी पर थे। 55 मजदूरों की तेजी से खोजबीन करते हुए आईटीबीपी, सेना ने अब तक 50 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है। केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की ओर से चार हेलीकॉप्टर भेजे गए हैं, जिनकी मदद से अभी तक 25 मजदूरों को ज्योर्तिमठ लाया गया है। इनमें से चार मजदूर गंभीर रूप से घायल हैं। उनका आर्मी अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सकों की देख रेख में इलाज चल रहा है। बता दें कि इस हादसे के शिकार मजदरों में उत्तराखंड के अलावा बिहार और उत्तर प्रदेश के भी कई मजदूर शामिल हैं।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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