हम बचपन से विज्ञान की किताबों में पढ़ते आये हैं कि पानी की तीन अवस्थाएं हैं- ठोस, द्रव और गैस। पहली अवस्था है ठोस यानी बर्फ है। दूसरी अवस्था द्रव यानी तरल है जो पानी के रूप में पूरी पृथ्वी पर विद्यमान तीसरी अवस्था है गैस की जिसे वाष्प या भाप के नाम से भी जानते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने पानी की चौथी अवस्था का पता लगाया है। जिसे ‘प्लास्टिक आइस VII’ कहा जाता है। हालांकि यह अवधारणा आज की नहीं है। पूर्व में वैज्ञानिकों ने कई सैद्धांतिक मॉडलों में प्लाइस्टिक आइस-7 की भविष्यवाणी की थी, लेकिन पहली बार उन्हें इसके अस्तित्व का वास्तविक प्रमाण मिला है।
इसका जिक्र ‘नेचर’ पत्रिका में किया गया है। फ्रांस के इंस्टीट्यूट लॉ-लैंगविन (ILL) के शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने हाल ही में 6 गीगापास्कल के दबाव तक पानी को निचोड़कर और उच्च क्षमता वाले उपकरणों का इस्तेमाल करके इसे 327 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान पर गर्म करके प्लास्टिक आइस 7 बनाया है।
रिसर्च टीम ने क्वासी-इलास्टिक न्यूट्रॉन स्कैटरिंग का इस्तेमाल किया। इस विधियों से हाइड्रोजन परमाणुओं जैसे छोटे कणों को ट्रैक किया जाता है। इस तरीके से शोधकर्ताओं ने 17 साल पुरानी भविष्यवाणी की पुष्टि की कि उच्च तापमान और दबाव के होने पर बर्फ के भीतर हाइड्रोजन सूक्ष्म स्तर पर घूमते हैं।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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