सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में राज्य सरकार द्वारा दाखिल SLP पर सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस भट्ट और जस्टिस धूलिया ने की अदालत में हुई. राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. कोर्ट में पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को पक्षकार बनाया जाना चाहिए था. यह मामला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. इस लिए कोस्ट लगाकर मामले को रद्द कर देना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट से याचिका की मेंटेनिबिलिटी पर फैसला लेने को कहेंगे, हम इसमें अपनी कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, हम इन सबके बीच में नहीं आयेंगे.
PIL के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन को पत्थर खनन लीज आवंटन और करीबियों के शेल कंपनी में निवेश मामले में झारखंड हाई कोर्ट में दायर PIL के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद शेल कंपनी और खनन लीज़ मामले में झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई.मामले की सुनवाई चीफ़ जस्टिस डा रविरंजन और जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद की बेंच में हुई.
“पहले मेंटेनबिलिटी पर होगी सुनवाई और उसके बाद केस की मेरिट पर”, अगली सुनवाई 1 जून को
जस्टिस ने कहा कि पहले हम मेंटेनबिलिटी पर सुनवाई करेंगे और उसके बाद केस की मेरिट पर, सरकार की ओर से उपस्थित वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अगली सुनवाई के लिए कोर्ट से समय देने का आग्रह किया. जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 जून की तिथि निर्धारित की है.
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