Anand Mohan: बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन (Anand Mohan)की रिहाई के खिलाफ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस जेएस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच कृष्णैया के पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई की। जिसके बाद आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई पर जवाब देने कि लिए बिहार सरकार को और मोहलत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि बिहार सरकार रिहाई से जुड़े मूल दस्तावेज जमा करवाए। अब, याचिका पर सुप्रीम कोर्ट एक अगस्त को सुनवाई करेगी।
जेल मैनुअल में हुआ था बदलाव
बिहार सरकार ने 10 अप्रैल को बिहार जेल मैनुअल 2012 में बदलाव किया था। इसके तहत सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान हत्या को भी सामान्य हत्याकांड की तरह कर दिया गया। पहले प्रावधान था कि सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान हत्या करने वालों को रिहाई में छूट नहीं मिलेगी। इस बदलाव के बाद आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। इसके बाद 27 अप्रैल को आनंद मोहन को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई पर विपक्षी पार्टियां भी खुलकर सामने नहीं आईं। नियमों में बदलाव को लेकर पटना हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर हुई थी।