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Sanskrit in Madrasa: अब मदरसों में संस्कृत पढ़ाई जाएगी, इस राज्य में हुआ ऐलान…लागू होगा NCERT सिलेबस

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Sanskrit in Madrasa: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अब उत्तराखंड के सभी मदरसों का स्वरूप बदलने जा रहा है. अब उत्तराखंड के मदरसे दूसरे स्कूलों की तरह मॉडर्न नज़र आयेंगे. जिसमें एनसीईआरटी सिलेबस को मदरसे के बच्चों के लिए पढ़ाया जाएगा. यहां के मदरसों में अब संस्कृत पढ़ाई जाएगी.(Sanskrit in Madrasa) उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स के मुताबिक उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अंतर्गत आने वाले मदरसों में NCERT के सिलेबस को लागू किया जाएगा. इसके अंतर्गत संस्कृत भाषा पढ़ाई जाएगी. इसके लिए बकायदा टीचर्स भी नियुक्त किए जाएंगे. उनका कहना है कि बड़े पैमाने में लोगों का संस्कृत की ओर रुझान बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि जैसे और स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में सभी विषय है, उसी तरह संस्कृत भी एक विषय है. न केवल संस्कृत बल्कि दूसरी भाषाएं भी मॉर्डन मदरसों में पढ़ाई जाएंगी. उन्होंने मीडिया को बताया कि उनकी बहन रजिया सुल्तान ने कुरान शरीफ को संस्कृत में लिखा है, जिसके 18 सिपारे लिखे जा चुके हैं और बाकी 12 सिपारों को भी जल्दी ही पूरा कर लिया जायेगा.

छह साल पहले मदरसा वेलफेयर सोसाइटी ने की थी अपील

दरअसल, जानकारी के मुताबिक मदरसा वेलफेयर सोसाइटी ने करीब छह साल पहले तत्कालीन सीएम को पत्र लिखकर अपील की थी कि मदरसों के सिलेबस में संस्कृत को जोड़ा जाए, (Sanskrit in Madrasa) लेकिन इसे अव्यावहारिक बताते हुए मदरसों में संस्कृत पढ़ाने से इनकार कर दिया गया था. लेकिन अब इस दिशा में कदम उठा लिया गया है. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड वैज्ञानिक और इस्मालिक शिक्षा को मिलाकर शिक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण करने के कार्यक्रम को लेकर राज्य के मदरसों ने बहुत उत्साह दिखाया है.

आधुनिकीकरण किए जाने की मांग

(Sanskrit in Madrasa)कार्यक्रम के पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों में चार मदरसों में किए गए शिक्षा के आधुनिकीकरण को देखते हुए करीब 40-50 मदरसों ने भी आधुनिकीकरण किए जाने की मांग की है. इन मॉडर्न मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का ड्रेस कोड भी होगा, जो वक्फ बोर्ड तय करेगा.

स्मार्ट क्लास की व्यवस्था

शम्स के मुताबिक बताया कि फिलहाल 117 मदरसों में भी संस्कृत शिक्षा (Sanskrit in Madrasa) दी जाएगी. पढ़ाई के साथ स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है, अगर यहां संस्कृत नहीं पढ़ाई जाएगी तो कहां पढ़ाई जाएगी. अब मुस्लिम समाज के लोग भी बदलाव चाहते हैं. मदरसों के अपग्रेडेशन से वे भी खुश हैं.

बोर्ड तय करेगा बच्चों का ड्रेस कोड

साथ ही मॉडर्न मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का ड्रेस कोड भी होगा. उनका ये भी कहना था कि कुर्ता पाजामा कोई ड्रेस कोड नही है, अब वक्फ बोर्ड तय करेगा कि बच्चे क्या पहनकर मदरसा आएंगे. बोर्ड का प्लान पूरी तरह से प्रॉपर ड्रेस करना है, जिसमें अब मदरसे के बच्चे भी सूट बूट में नज़र आएंगे.

 न्यूज़ डेस्क/ समाचार प्लस, झारखंड- बिहार 

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