न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
ऐसे प्रावधान जिनके कारण व्यवसाय और नागरिक कार्यकलापों संबंधी अनुपालन बोझ जैसा लगता हो, उसमें संशोधन के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया है। समिति का नाम जन विश्वास बिल 2022 रखा गया है। इस जन विश्वास संयुक्त समिति में देशभर के 30 सांसदों को स्थान दिया गया है, जिसमें 21 सांसद लोकसभा से और 9 सांसद राज्यसभा से शामिल है। झारखंड से लोकसभा सांसद श्री संजय सेठ को समिति में स्थान दिया गया है। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई। इस समिति के अध्यक्ष सांसद श्री पी०पी० चौधरी होंगे।
समिति का सबसे महत्वपूर्ण कार्य विभिन्न व्यवस्थाओं से बनी कानूनों के अनुपालन के बोझ कम करने, इसकी प्रक्रिया का लक्ष्य अंतिम लाभार्थी तक बाधारहित सेवा सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है।
समिति के माध्यम से ऐसे प्रावधानों में क्या-क्या संशोधन किया जा सकता है, इसका सुझाव लिया जाएगा।
इन मंत्रालयों के 42 अधिनियमों में संशोधन का विचार।
जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की 42 अधिनियम को शामिल किया गया है। जिसमें मुख्य रुप से कृषि और किसान कल्याण, वाणिज्य विभाग, उपभोक्ता कार्य विभाग, वित्तीय सेवा विभाग, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, डाक विभाग, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, रेल मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, राजस्व विभाग, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय शामिल है।
यह है मान्यता :
समिति के गठन के पीछे यह मान्यता रखी गई है कि संशोधन विधेयक आपराधिक प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाने में तेजी लाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि व्यवसाय, नागरिक और सरकारी विभाग गौण तकनीकी अथवा प्रक्रियागत चूकों के लिए सजा के डर के बिना बेहतर कार्य कर सकें। इसके साथ ही यह समिति इन मंत्रालयों को यह भी सुझाव देने का काम करेगी कि छोटी-छोटी प्रक्रियागत कमियों और छोटी चीजों के लिए अपराधिकता के प्रावधानों को कम किया जाए। इसके विकल्प तैयार किए जाएं ताकि इन क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को बेहतर सुविधाएं और संसाधन मिल सके। नए भारत के निर्माण में यह सब अपना योगदान दे सकें।
डीपीआईआईटी ने राज्य सरकारों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन और भारत सरकार के बीच के गतिरोध को समाप्त करने और एक सामंजस्य पूर्ण दृष्टिकोण अपनाने की दृष्टि से यह कदम उठाया है। इस विधेयक के जरिए विभिन्न प्रकार की सजा जुर्माने में सुधार करने की गुंजाइश भी तलाशी जाएगी ताकि बाधारहित कार्य सुगम हो सके।
सांसद सेठ ने जताया आभार
इस संबंध में सांसद श्री संजय सेठ ने कहा कि इस समिति में मुझे स्थान दिया गया है इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री जी और माननीय लोकसभा अध्यक्ष जी के प्रति आभार प्रकट करता हूं। माननीय प्रधानमंत्री जी ने अपने संबोधन में कहा था कि देश को आजाद हुए 75 वर्ष हो चुके, फिर भी हमारे नागरिक अनुपालन के बोझ तले दबे हुए हैं। एक व्यक्ति को गौण अपराधों के लिए जेल भेज दिया जाता है। इन सब से छुटकारा पाने की जरूरत है। हम अपने नागरिकों को इस बोझ से जितना दूर रखेंगे, हमारे नागरिक उतनी ही तरक्की करेंगे। माननीय प्रधानमंत्री जी की सोच को अमलीजामा पहनाते हुए इस समिति का गठन किया गया है ताकि अनावश्यक कानून प्रक्रिया में सुधार की जा सके। उनका सरलीकरण किया जा सके। और उसे जनोपयोगी बनाया जा सके।
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