Kolkata Rape Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के मामले में सियालदह स्थित सेशन कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। इस वीभत्स हत्याकांड के 162 दिनों के बाद 18 जनवरी को सेशन कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय को दोषी ठहराया था और सोमवार को उसको सजा सुनाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। बता दें कि सुनवाई के समय सीबीआई ने संजय रॉय के लिए फांसी की सजा की अपील अदालत से की थी। 18 जनवरी को अदालत ने सुबूतों और गवाहों के आधार पर संजय रॉय को दोषी करार दिया था।
बता दें कि 9 अगस्त 2024 को हुए इस भीषण वारदात ने सिर्फ कोलकाता ही नहीं, पूरे देश को दहला कर रख दिया था। इस भीषण वारदात ने एक बार फिर से दिल्ली के निर्भया रेप केस की याद दिला दी थी। निर्भया कांड के बाद पूरा देश एक बार फिर उबल उठा। पूरे देश में इस घटना को लेकर बड़े स्तर प्रदर्शन हुए थे। देशभर में डॉक्टरों ने प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार भी किया था। इस मामले में पुलिस ने संजय रॉय को आरोपी बनाया था। संजय रॉ. जो कोलकाता पुलिस में सिविक वॉलंटियर था। उस पर आरोप था कि उन्होंने अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ जघन्य अपराध को अंजाम दिया है।
किस धारा के तहत संजय रॉय को कोर्ट ने ठहराया था दोषी?
बता दें कि 18 जनवरी, को सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय को बीएनएस की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत दोषी ठहराया था। बीएनएस की धारा 64 (बलात्कार) के तहत कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है और यह आजीवन कारावास तक हो सकती है। धारा 66 (पीड़ित की मृत्यु या उसे लगातार अचेत अवस्था में रखने के लिए दंड) में कम से कम 20 वर्ष की सजा का प्रावधान है, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है, जिसका अर्थ है उस व्यक्ति के शेष प्राकृतिक जीवन के लिए कारावास या मृत्युदंड।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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