Sammed Shikharji Controversy: झारखंड स्थित सम्मेद शिखर पारसनाथ पहाड़ी के विवाद (Sammed Shikharji Controversy) बढ़ता ही जा रहा है है. अब आदिवासी मरांग बुरु (mrang buru) पारसनाथ (Parasnath) बचाओ आन्दोलन के तहत आंदोलन कर रहे हैं. इसको लेकर आज यानी मंगलवार को मधुबन में आदिवासियों का महाजुटान (Mahajutan) होगा. यहां से आदिवासी मूलवासी पारसनाथ पर्वत में मरांग बुरु की रक्षा के लिए आंदोलन का
शंखनाद करेंगे.
विधायक लोबिन हेंब्रम नेतृत्व कर रहे हैं
कार्यक्रम के मद्देनजर प्रशासन भी मुस्तैद है. मंगलवार को आदिवासी समुदाय के लोग पारसनाथ पहाड़ी मरांग बुरू आंदोलन की शरुआत कर रहे हैं, इसी को देखते हुए मधुबन बाजार सहित आस-पास के इलाके में पुलिस बल के जवानों ने फ्लैग मार्च निकाला. इससे पहले पिछले कुछ दिनों से कई गावों में आदिवासी अपने अपने धरोहर को बचाने का आह्वान किया गया था, और इसके लिए 10 जनवरी को देश भर के आदिवासियों से जुटने की अपील की गई थी. खास बात यह कि इन संगठनों की अगुवाई झामुमो के वरिष्ठ विधायक लोबिन हेंब्रम कर रहे हैं.
“किसी खास समुदाय का अधिकार नहीं हो सकता”
पहाड़ी के आस-पास के लगभग 50 गांवों के लोगों ने कहा है कि इसकी तराई में वे पीढ़ियों से रहते आए हैं और इसपर किसी खास समुदाय का अधिकार नहीं हो सकता. आदिवासियों के महाजुटान में विशाल आमसभा का आयोजन किया गया है. सभा के बाद एक भव्य जुलूस निकालने की भी तैयारी है. महाजुटान कार्यक्रम में झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम, झारखंडी खतियान भाषा संघर्ष समिति के जयराम महतो समेत झारखंड बंगाल और ओड़िशा के कई नेता शामिल होने वाले हैं. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूरे झारखंड से लोग मधुबन पहुंचे हैं.
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