न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
देश की राजधानी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में देश के कई राज्यों की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने एक परिचर्चा में भाग लिया जिसमें वह देश की गर्भवती महिलाओं को प्राचीन भारतीय संस्कारों से परिचय कराते हुए उन्हें बतायेंगी कि बच्चा जब गर्भ में रहे उसे भारतीय संस्कार सिखाया जा सकता है। जेएनयू में आयोजित यह परिचर्चा आरएसएस की राष्ट्र सेविका समिति की एक शाखा संवर्धनी न्यास के एक अभियान का हिस्सा है। इस अभियान का मकसद है स्त्री रोग विशेषज्ञों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को बताया कि अपनी प्राचीन प्रथाओं को अपनाकर वे अपने बच्चे को जन्म से पहले भारतीय संस्कृति कैसे सिखा सकती हैं।
राष्ट्रीय सेविका समिति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महिला समिति है। राष्ट्रीय सेविका समिति ने भारत के प्राचीन गर्भधारण अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं प्रशिक्षित करने के अभियान की शुरुआत की है। राष्ट्रीय सेविका समिति के अभियान में स्त्री रोग विशेषज्ञ शामिल होंगी जो गर्भवती महिलाओं को बताएंगी कि कैसे उन प्रथाओं को अपनाना जाये जिससे बच्चा जन्म से पहले ही भारतीय संस्कृति को सीख सके। अभियान के तहत स्त्री रोग विशेषज्ञ गर्भवती महिलाओं के पास पहुंचेंगी।
JNU में आयोजित कार्यक्रम में करीब 70-80 डॉक्टरों हुए शामिल
दिल्ली के जेएनयू में आयोजित इस कार्यक्रम करीब 12 राज्यों की 70-80 डॉक्टरों ने भाग लिया, जिसमें अधिकतर स्त्री रोग विशेषज्ञ थीं। न्यास की राष्ट्रीय संयोजक सचिव माधुरी मराठे ने कहा कि गर्भ से ही संस्कार लाना है। उन्होंने शिवाजी की माता जीजाबाई का उदाहरण दिया जिन्होंने एक महान नेता को जन्म देने के लिए प्रार्थना की थी।इस दौरान कई डॉक्टरों ने भी अपनी राय रखी।
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