न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
देश में ही नहीं, झारखंड में भी H3N2 इंफ्लूएंजा वायरस की चपेट में लोग तेजी से आ रहे हैं। इस बीमारी के लक्षण कोरोना से मिलते-जुलते हैं, इसलिए इसे खतरनाक माना जा रहा है। पूरे देश में H3N2 के अब तक 90 मामले सामने आ चुके हैं जब 2 मौतों की केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि कर दी है। कई राज्यों में एच3एन2 इंफ्लूएंजा का खतरा देखा जा रहा है। यह इस वायरस ने झारखंड में दस्तक दे दी है।
नजरअंदाज करना खतरनाक : रिम्स
रांची का रिम्स भी इस वायरस को लेकर सतर्क हो गया है। रिम्स के डॉक्टर डॉ संजय ने कहा कि इस बीमारी के लक्षण अगर दिखे तो उसे नजर न करें, क्योंकि ऐसा करने से खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि अगर लंबे समय से खांसी है, सांस फूल रही है औऱ थकान की शिकायत है तो जांच अवश्य करानी चाहिए। इस बीमारी का अगर समय रहते इलाज नहीं हो पाया तो यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि जान भी जा सकती है। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि कई बार लोग आईसीयू में भी भर्ती हो जाते हैं। अगर बाहर से आये किसी व्यक्ति में इसके लक्षण दिखते हैं तो और सतर्क रहने की जरूरत है।
देश भर में अब तक 2 मौत, 90 पीड़ित, स्वास्थ्य मंत्रालय ने की पुष्टि
इन्फ्लुएंजा ए का सबटाइप एच3एन2 वायरस की चपेट में लोग तेजी से आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय एच3एन2 वायरस से देश में अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि कर चुका है। इस वायरस से एक व्यक्ति की मौत हरियाणा में हुई है, जबकि दूसरी मौत कर्नाटक में हुई है।
पूरी दुनिया में बढ़ रहे मामले
इस मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाला एक तीव्र सांस का संक्रमण है। कुछ महीनों के दौरान दुनिया में इसके मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। वैसे, भारत में हर साल मौसमी इन्फ्लूएंजा के दो लहर देखे जाते हैं। पहला जनवरी से मार्च तक। दूसरा मानसून के बाद के मौसम में पाया जाता है।
मार्च के अंत से मौसमी इन्फ्लूएंजा से उत्पन्न मामलों में गिरावट आने की उम्मीद है। राज्य निगरानी अधिकारी इस सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। वायरस के खतरे को देखते हुए नीति आयोग शनिवार को बैठक करेगा।
वायरस के क्या हैं लक्षण
इस बीमारी में तेज बुखार के साथ तेज सिरदर्द, शरीर में दर्द, गले में दर्द, तेज खांसी, सर्दी जुकाम जैसी शिकायत होती है। इस वायरस के संक्रमित होते ही अधिक से अधिक आराम करें। पानी पीते रहें। शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी होता है। इससे संक्रमित होने पर लोगों से दूरी बनाकर रखें और हाथ को सेनेटाइज करके रखें। साथ शारीरिक दूरी बनाए रखें। बताया जा रहा है कि यह 50 साल से ऊपर और 15 साल से कम उम्र वालों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है।
मास्क पहनना बेहद जरूरी
अगर परिवार में किसी व्यक्ति में इस बीमारी के लक्षण हैं तो उसका मास्क पहनकर रहना बेहद जरूरी है। यह बीमारी फैलती है। घर के दूसरे सदस्यों को भी एन95 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि यह वायरल बीमारी है, सांसों के जरिए भी एक दूसरे में जा सकता है। वहीं इस बार इसकी प्रसार क्षमता अधिक देखी जा रही है।
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