RIMS Patient Death Case: जून 2018 में रिम्स में चिकित्सक और मरीज के परिजनों के बीच विवाद के बाद जूनियर डाक्टर्स एवं नर्सों के हड़ताल पर चले जाने के दौरान 28 मरीजों की मौत (RIMS Patient Death Case) हो गई थी। इस मामले में जांच कमिटी को लेकर अब तक प्रपोजल नहीं भेजने पर राज्य सरकार के प्रति हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा है कि अगर प्रपोजल नहीं भेजा गया तो राज्य सरकार के विरुद्ध अगली सुनवाई में कड़ा आदेश पारित किया जाएगा।
झारखंड छात्र संघ ने दाखिल की है जनहित याचिका
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कमिटी के गठन के लिए प्रपोजल चीफ जस्टिस के पास भेजने के लिए एक सप्ताह का समय माँगा गया था, ताकि डिस्ट्रिक्ट जज का नाम प्रस्तावित किया जा सके। अदालत ने 18 मई को सुनवाई निर्धारित करते हुए सरकार को कमिटी गठन के लिए प्रस्ताव देने का निर्देश दिया। इस संबंध में (RIMS Patient Death Case) झारखंड छात्र संघ ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में हड़ताल के दौरान मरीजों की मौत के लिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है।
जून 2018 में हुई थी 28 मरीजों की मौत
21 अप्रैल 2023 को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में रिम्स (RIMS) में जूनियर डाक्टर्स और नर्सों की हड़ताल की वजह से 28 मरीजों की मौत मामले (RIMS Patient Death Case) में कार्रवाई की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई थी । सुनवाई के बाद अदालत ने मामले में सेवानिवृत्त जिला जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी बनाने का निर्देश दिया था। अदालत ने सरकार से उक्त कमेटी को लेकर जवाब मांगा था।
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RIMS Patient Death Case