जानकारी दे रही हैं जयाश्री/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
भारतीय संविधान का जिक्र आते है तो हमारे जहन में कई बातें उठती हैं। जिसमे सबसे पहले भीमराव अंबेडकर नाम जरूर आता है और उन्हें संविधान निर्माता कहा जाता है। यहां तक सब ठीक है। लेकिन वह शख्स जिसने इस पूरे संविधान को लिखा उसके बारे में हम आपको बताते हैं। हर साल 26 जनवरी को हम अपना गणतंत्र दिवस मनाते हैं। इस दिन यानी 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। तबसे हम इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। इससे जुड़े कई रोचक तथ्य हैं कई तो आप जानते होंगे कुछ ऐसे भी हैं जिनके बारे में कम ही लोग जानते होंगे।
क्या आपने कभी सोचा है कि इसकी मूल प्रति किसने लिखी होगी। हम आपको इसे बारे में अहम जानकारी देने जा रहे हैं।
पूरे संविधान को अपने हाथों से कागज पर उतरने वाले शख्स का नाम है प्रख्यात कैलिग्राफर (सुलेखक) प्रेम बिहारी नारायण रायजादा। जिन्होंने बिना गलती किये संविधान की प्रस्तावना को खूबसूरत तरीके से कलमबद्ध किया। 26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान तैयार हुआ। कई लोगों के अथक परिश्रम का ही फल था कि संविधान की मूल प्रति किसी कलाकृति-सी बनी। नंदलाल बोस और उनके छात्रों ने अपनी पेंटिंग से खूबसूरत बनाया, तो प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने अपनी लेखनी से इसमें चार चांद लगा दिए। उन्होंने अपनी कैलिग्राफी से संविधान की शुरुआती सामग्री और उसकी प्रस्तावना लिखी। रायजादा ने इटेलिक शैली में बेहद खूबसूरती से संविधान लिखा, जिसमें उन्होंने एक भी गलती नहीं की।
भारत के संविधान की नींव कब रखी गयी और इसे बनने में आखिरकार कितना समय लगा ?
भारतीयों की ओर से संविधान सभा की सर्वप्रथम मांग मई, 1934 में रांची में स्वराज पार्टी ने की थी और वर्ष 1934 में ही भारत में संविधान सभा के गठन का विचार एम. एन. राय ने दिया. जिसके बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्तर पर पहली बार वर्ष 1935 में संविधान निर्माण के लिए आधिकारिक रूप से संविधान सभा की मांग की गई। एक निर्वाचित संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान का निर्माण करने का प्रस्ताव सर्वप्रथम वर्ष 1942 में क्रिप्स मिशन द्वारा किया गया था। भारत के संविधान को बनने में लगभग 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था। इसके लिए कुल 11 अधिवेशन हुआ थे। 11वें अधिवेशन के अंतिम दिन 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अंगीकृत किया गया था। इन 11 अधिवेशनों के अतिरिक्त संविधान सभा पुनः 24 जनवरी, 1950 को समवेत हुई, जब सदस्यों द्वारा भारत के संविधान पर हस्ताक्षर किए गए थे। भारतीय संविधान के निर्माण के समय बी.एन. राव को सांविधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया था। जिसके बाद 26 नवंबर, 1949 को भारत के लोगों द्वारा संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया। संविधान पूर्ण रूप से 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया और तब से हम हर वर्ष इस दिन को गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
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