न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
संसदीय समिति ने मनरेगा में 100 दिन काम के अधिकार को बढ़ा कर 150 दिन करने की सिफारिश की है। संसदीय स्थायी समिति ने मनरेगा की समीक्षा के बाद कहा कि उसे लगता है कि बदले परिवेश में इस योजना में बदलाव आवश्यक है। समिति ने मनरेगा के क्रियान्वयन में कुछ कमियों का जिक्र करते हुए उसको लेकर चिंता भी जताई है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट मंगलवार को संसद में पेश की है। रिपोर्ट ने सरकार को सुझाव दिया गया है कि मनरेगा के तहत कार्य दिवसों की कुल संख्या 100 दिनों से बढ़ाकर 150 दिन कर दिया जाये। समिति का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले जरूरतमंद लोगों के लिए मनरेगा आखिरी उम्मीद है।
सभी राज्यों में एक समान वेतन की सिफारिश
समिति ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को मनरेगा में वेतन असमानता को खत्म करने का सुझाव दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अलग-अलग राज्यों में मनरेगा मजदूरी दरों में अंतर है जो समझ से परे है। इसलिए ऐसे उपाय खोजने चाहिए जिससे पूरे देश में मनरेगा की मजदूरी दर एक समान हो सके। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मनरेगा मजदूरी 193 रुपये प्रति दिन है। बिहार और झारखंड में 198 रुपये, यूपी में 204 रुपये, बंगाल में 213 रुपये और हरियाणा में अधिकतम 315 रुपये प्रतिदिन है। इसके साथ ही समिति ने यह भी सिफारिश की कि मजदूरी दरों को मुद्रास्फीति सूचकांक से जोड़ा जाए। मजदूरी दरों को मुद्रास्फीति सूचकांक जोड़ने से भविष्य में मजदूरी निर्धारित करने में मदद मिलेगी।
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