Ranchi Violence: झारखंड की राजधानी रांची में बीते 10 जून को हुए हिंसक प्रदर्शन (Ranchi Violence) के उपद्रवियों की तस्वीरों वाला पोस्टर जारी किए जाने के एक दिन बाद राज्य के गृह सचिव राजीव अरुण एक्का ने बुधवार शाम वरीय पुलिस अधीक्षक (SSP) से इस कथित ‘गैरकानूनी’ गतिविधि पर स्पष्टीकरण (Show cause notice के जरिए ) मांगा है. बता दें कि राज्य की राजधानी में विभिन्न स्थानों पर पोस्टर लगाने के बाद पुलिस ने ‘‘तकनीकी त्रुटि’’ के कारण इन्हें वापस ले लिया था. पुलिस ने कहा था कि वह त्रुटि को ठीक कर पोस्टर जारी करेगी.
”भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है”
गृह, कारागार और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने एसएसपी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘यह कानून सम्मत नहीं है और नौ मार्च 2020 को माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन है….’’ उन्होंने कहा, माननीय न्यायालय ने उत्तर प्रदेश राज्य को निर्देश दिया था कि वह सड़क के किनारे व्यक्तियों की व्यक्तिगत जानकारी वाले पोस्टर न लगाएं. यह मामला और कुछ नहीं बल्कि लोगों की निजता में अनुचित हस्तक्षेप है. इसलिए, यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है.
राज्यपाल ने डीजीपी को किया था तलब
राज्यपाल रमेश बैस ने राजभवन में डीजीपी नीरज सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तलब करने के एक दिन बाद यह सवाल उठाया कि आंदोलन के दौरान भीड़ को तितर-बितर करने के लिए निवारक उपाय या कार्रवाई क्यों नहीं की गई. पुलिस ने बताया कि घटना के सिलसिले में अब तक 29 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
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