BAU Kisan Mela: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (BAU) में तीन दिवसीय किसान मेला (kisan mela) का भव्य शुभारंभ हुआ। मेले में लगभग डेढ़ सौ स्टॉल पर कृषि, पशुपालन, वानिकी, बागवानी, मत्स्यपालन, दुग्ध प्रौद्योगिकी, कृषि प्रसंस्करण, कृषि यंत्रीकरण, कृषि स्टार्टअप, कुटीर उद्योग आदि से संबंधित आधुनिक प्रौद्योगिकी, सेवाओं एवं उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है।
‘युवाओं का शहरों की ओर पलायन कम हो’
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्य के ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि ग्रामीण युवाओं को गांवों और कृषि कार्य से जोड़े रखने के लिए राज्यव्यापी अभियान चलना चाहिए, ताकि गांवों में स्वाबलंबन और खुशी आ सके तथा मैट्रिक पास करने के बाद युवाओं का नौकरी के लिए शहरों की ओर पलायन कम हो सके।
“किसानों के आर्थिक उन्नयन ऐसे ही देश खुशहाल होगा”
उन्होंने कहां कि किसानों के आर्थिक उन्नयन ऐसे ही देश खुशहाल होगा। श्री आलम ने कहा कि राज्य सरकार की पहल से राज्य के लाखों किसानों का कृषि ऋण माफ हुआ है तथा अब बोआई के समय से एक माह पूर्व ही प्रखंड और पंचायतों में बीज पहुंच रहे हैं।
झारखंड मिलेट्स के लिए प्राचीन समय से जाना जाता रहा है- बादल
कृषि मंत्री बादल ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार ने व्यापक रूप से अंतर राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 मनाने की तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिए आवश्यक बजट उपबंध भी किया गया है। झारखंड मिलेट्स के लिए प्राचीन समय से जाना जाता रहा है और अब हमें अपनी प्राचीन परंपरा और देने उत्पादों की ओर लौटने का प्रयास करना होगा।कृषि मंत्री ने कहा कि डेयरी प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, हंसडीहा, दुमका के छात्र ने स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा में देश में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है, इसके लिए विश्वविद्यालय में उसका सम्मान किया जाना चाहिए।
पशुपालन विवि और एक अन्य कृषि विवि की स्थापना जल्द
उन्होंने कहा कि झारखंड में शीघ्र ही एक पशुपालन विश्वविद्यालय और एक अन्य कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी, राज्य सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि बीएयू में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की स्मृति में एक विशाल हाईटेक ऑडिटोरियम बनाने के लिए राज्य सरकार आवश्यक अनुदान प्रदान करेगी।
‘बीएयू के शिक्षक एवं विद्यार्थी काफी योग्य एवं मेधावी हैं ‘
मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि बीएयू (BAU)के शिक्षक एवं विद्यार्थी काफी योग्य एवं मेधावी हैं, इसलिए विश्वविद्यालय को एनडीआरआई, करनाल और जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उत्तराखंड की तरह अग्रणी बनने का प्रयास करना चाहिए।
कृषि मेला हर जिला और प्रखंड में आयोजित हो -अबूबकर सिद्दीकी
कृषि सचिव अबूबकर सिद्दीकी ने वैज्ञानिकों से वैसी प्रौद्योगिकी विकसित करने की अपील की जो छोटे एवं सीमांत किसानों की परिस्थितियों में अपनाने के अनुकूल हो तथा मौसम परिवर्तन के दौर में भी बेहतर परिणाम दे सके। उन्होंने कृषि मेला हर जिला और प्रखंड में आयोजित करने पर बल दिया ताकि गांव गांव तक नई प्रौद्योगिकी पहुंच सके और किसान संपन्न हो सकें। झारखंड अब अपनी मछली आवश्यकताओं के मामले में भी आत्मनिर्भर हो गया है। राज्य बनने के समय यहां वार्षिक मछली उत्पादन मात्र 14000 टन था जो अब बढ़कर ढाई लाख टन हो गया है।
‘पिछले दो वर्षों में विवि के वैज्ञानिकों ने फसलों की 15 उन्नत किस्में जारी की’
स्वागत भाषण करते हुए बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि नए स्थापित कालेजों के विद्यार्थी भी देश के अग्रणी शिक्षण संस्थानों की स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षाओं में अव्वल स्थान प्राप्त कर रहे हैं। पिछले दो वर्षों में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने फसलों की 15 उन्नत किस्में जारी की और सूअर की भी दो नई प्रजाति चिन्हित की गई।
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर कांके के विधायक समरी लाल, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एम एस राव तथा आईसीएआर-अटारी, पटना के निदेशक डॉ अंजनी कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रसार शिक्षा निदेशक जगरनाथ उरांव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। संचालन शशि सिंह ने किया। अतिथियों ने विश्वविद्यालय के कई महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन भी किया।
इन्हें किया गया सम्मानित
उक्त अवसर पर कृषि और संबंध गतिविधियों में नवोन्मेषी प्रयोग और विशिष्ट उपलब्धियों के लिए आठ प्रगतिशील किसानों- सुचिता देवी दुमका, अयोध्या बिंद, गढ़वा, अंशु सिंह, सरायकेला-खरसावां, विकास कुमार, साहेबगंज, विजय महतो, पूर्वी सिंहभूम, राधेश्याम प्रसाद, पलामू, भीम रजक, चतरा और गोकुल प्रसाद यादव, देवघर को सम्मानित किया गया।
ये उत्पाद हुए प्रदर्शित
अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष, 2023 के अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा मेला में मड़ुआ, गुंदली, कोदो, चेना, कंगनी, मुरात, ज्वार, बाजरा के पोषक तत्वों से लोगों को अवगत कराने के उद्देश्य से इन अनाजों और उनके प्रसंस्कृत उत्पादों जैसे बिस्किट, कुकीज, गुजिया, नट बॉल्स, लड्डू, शक्करपारा, मिक्सचर, बालूशाही निमकी, चकली, धुसका, मोमो, डुंबू, बर्फी, पोहा, इडली, मफीन, केक, पास्ता, मठरी, समोसा, अनारसा, मैकरोनी , चाऊ, फ्लैक्स को प्रदर्शित किया गया है। इनमें चावल गेहूं मक्का आदि की तुलना में प्रोटीन आयरन खनिज तत्व जैसे पोषक तत्व अधिक उपलब्ध हैं।
कृषि यंत्रीकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से खेत की जोताई, फसल रोपाई, बोआई, निकाई गुड़ाई, कीटनाशक एवं खरपतवार नाशक के छिड़काव, दौनी एवं कटाई से संबंधित हस्त चालित, बैल चालित, बैटरी चलित, मोटर चालित, ट्रैक्टर चालित एवं नवीकृत ऊर्जा से संचालित लगभग 90 कृषि यंत्रों को प्रदर्शित किया गया है। इसमें उन्नत चूल्हा, गुल बनानेवाली मशीन तथा महिला फ्रेंडली कृषि यंत्र शामिल हैं।
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