रांची: झारखंड सरकार के मिड-डे मील के खाते से 101 करोड़ रुपये के फर्जी तरीके से हस्तांतरण मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रही ईडी ने शनिवार को मुख्य आरोपित संजय कुमार तिवारी (Sanjay Tiwari) के ठिकानों पर छापेमारी की. मिड डे मील के खाते से 100 करोड़ रुपये के फर्जी हस्तांतरण से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले के आरोपी भानु कंस्ट्रक्शन का संचालक संजय कुमार तिवारी (Sanjay Tiwari)फरार हो गया है. गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद ही तिवारी फरार हुआ है. ईडी के साथ-साथ रांची पुलिस दोनों उसकी तलाश कर रही है.
आधा दर्जन ठिकानों पर रेड
संजय कुमार तिवारी(Sanjay Tiwari) के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट तीन दिन पहले ही जारी किया गया है, जिसके बाद ईडी उसकी तलाश में जुटी हुई है. लेकिन वह एजेंसी के हाथ नहीं लगा. एक तरफ जहां ईडी संजय तिवारी की तलाश में जुटी हुई है. वहीं दूसरी तरफ रांची पुलिस भी फर्जी कोविड रिपोर्ट मामले में उसकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है. शनिवार को संजय तिवारी के खिलाफ रांची के बरियातू थाने में भी प्राथमिकी दर्ज की गई है. प्राथमिकी रिम्स अधीक्षक के शिकायत पर की गई है.
क्या है मामला
अदालत को गुमराह करने के लिए भानु कंस्ट्रक्शन के संचालक संजय कुमार तिवारी ने रिम्स से फर्जी कोविड रिपोर्ट बनवा ली थी. रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी में संजय कुमार तिवारी पर रिम्स के नाम से फर्जी कोविड-19 रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आरोप लगाया गया है. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि संजय कुमार तिवारी ने रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग से कोविड टेस्ट रिपोर्ट बनवाई है, जो फर्जी है. कहा गया कि किसी व्यक्ति द्वारा गलत तरीके से एतवा टोप्पो के व्यक्तिगत डाटा को आईसीएमआर के पोर्टल पर अपलोड कर डाउनलोडेड रिपोर्ट पर फर्जी हस्ताक्षर किया गया है.
शुक्रवार को वारंट जारी किया था
इस घोटाले को लेकर पीएमएलए की विशेष कोर्ट ने शुक्रवार को उसके खिलाफ वारंट भी जारी किया था. इसके बाद अब ईडी ने कोर्ट से वारंट ले लिया है. आरोपी के खिलाफ वारंट मिलने के बाद अब एजेंसी संजय तिवारी को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने संजय तिवारी को प्रोविजनल बेल दी थी और अब इस बेल की अवधि खत्म हो गयी है.
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