कोयलांचल (Dhanbad) में रविवार की सुबह से ही शहर के कई इलाकों में रामनवमी का पर्व धूमधाम और पूरी आस्था के साथ मनाया जा रहा है. वहीँ सरकार के निर्देश के अनुसार रामनवमी पर्व के अवसर पर अनेकों स्थान पर अखाड़े बने हैं.
इस अवसर पर कई श्रद्धालु संकट मोचन के अलग-अलग मंदिरों में भगवान राम के प्रति अपनी आस्था दिखाते हुए उनके परम भक्त हनुमान की पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि के कामना की.
रामनवमी होने के साथ चैत्र नवरात्रि का समापन भी होता है
मालूम हो कि चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का पर्व मनाया जाता है. सनातन धर्म में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. इसे दिन रामनवमी होने के साथ चैत्र नवरात्रि का समापन होता है. भगवान राम श्री हरि विष्णु का सातवां अवतार थे. विष्णु जी ने अधर्म के नाश और धर्म की स्थापना के लिए राजा दशरथ के यहां पुत्र रूप में जन्म लिया था.
प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है रामनवमी
जिस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, उस दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि थी. यह दिन प्रभु श्री राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. भगवान राम ने अपने पूरे जीवन काल में धर्म का पालन किया और सम्पूर्ण जीवन मानव कल्याण के लिए समर्पित कर दिया, इसलिए इन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है.
रामनवमी पर लोग हर्षोल्लास के साथ भगवान राम का जन्मोत्सव मनाते हैं और विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन विधिपूर्वक राम जी की पूजा अर्चना करने से संकटों से मुक्ति मिलती है और भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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