Ramgadh ByPoll: 2019 में विधानसभा चुनाव जीतने वाली कांग्रेस पार्टी क्या इस बार रामगढ़ उपचुनाव (Ramgadh ByPoll) में एक बार फिर जीत दर्ज कर पाएगी या चंद्र प्रकाश चौधरी अपनी पत्नी सुनीता चौधरी को जीत दिला पाने में कामयाब होंगे. इस तरह के सवाल इन दिनों चर्चा के विषय बने हुए हैं और तरह तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं. 2024 के चुनाव को लेकर भी इस चुनाव को काफी अहम् माना जा रहा है.
सभी पार्टियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंकी
रामगढ़ उपचुनाव (Ramgadh ByPoll) को लेकर सभी पार्टियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. दोनों ओर से जीत के दावे अभी से किए जाने लगे हैं. यूपीए के घटक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीत का दावा करते हुए जीत का अंतर बहुत ही ज्यादा होने की बात कही है. वहीं विधानसभा चुनाव में आजसू के साथ खड़ी भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया है कि रामगढ़ की जनता राज्य सरकार को इस उपचुनाव में सबक सिखाएगी. हेमंत सरकार के द्वारा पिछले दिनों लिए गए फैसले खासकर 1932 खतियान आधारित स्थानीयता, ओबीसी आरक्षण, निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण जैसे मुद्दे भी इस चुनाव में प्रमुख रूप से उठाए जा रहे हैं.

ये मुद्दे भी उठेंगे
रामगढ़ उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी अथवा एनडीए के पास बेरोजगारी, बेरोजगारी भत्ता, कानून व्यवस्था, महिला अपराध और शिक्षा जैसे मुद्दे हैं.वही अवैध खनन औए मनी लॉन्ड्रिंग के मुद्दे भी हैं. वही पारा शिक्षकों के लिए बनी नियमावली, आंगनबाड़ी सहायिका, सेविका मानदेय वृद्धि, खातियान आधारित नियोजन नीति और सरना धर्म कोड को लेकर पार्टी जनता के बीच उतरी है .
इमोशनल कार्ड भी खेला जा रहा है
रामगढ़ उपचुनाव जीतने के लिए नेता हर दांव आजमा रहे हैं. रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग महतो पर विपक्ष इमोशनल कार्ड खेलने का आरोप लगा रहा है. चूंकि लोगों के सामने बजरंग महतो बच्चे को गोद में लेकर लोग से वोट देने की अपील कर रहे हैं. मीडिया के सवाल पर बजरंग महतो का कहना है कि इसे सीएम से मिलवाने के लिए लाया हूं. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल कहते हैं बच्चे को लेकर वोट मांग रहे हैं, सच तो यही है, इसे आप छोटा ना समझें यह काफी बुलंद है. उन्होंने कहा कि बच्चे को रामगढ़ की जनता को दिखाने के लिए लाए थे. गोला के चुनावी मंच से जब सीएम भाषण दे रहे थे तो उन्होंने बजरंग महतो और ममता देवी के छह महीने के बच्चे को गोद में लेकर मंच से कह दिया कि इस मासूम बच्चे की क्या गलती थी, जो उससे उसकी मां का दूध छीन लिया गया. उन्होंने कहा कि विपक्ष को इस बच्चे की हाय लगेगी. अब ये देखने वाली बात होगी कि इससे कांग्रेस अथवा यूपीए को इसका कितना इमोशनल सपोर्ट मिलेगा.
बीजेपी -कांग्रेस दोनों ने झोंकी ताकत
रामगढ़ उपचुनाव को लेकर बीजेपी -कांग्रेस दोनों अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. एक ओर झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी पिछले दो दिनों से रामगढ़ में कैंप कर रहे हैं, तो वहीं, कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय भी सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर झारखंड आ रहे हैं. दोनों पार्टियों के प्रभारी चुनावी क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम लोगों से मिलकर पार्टी की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश में लगे हैं. रविवार को लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के गोला और कैंट में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और पार्टी कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि रामगढ़ उपचुनाव में एनडीए जीत की ओर अग्रसर है.
गोला और चितपुर क्षेत्र में दोनों दलों का फोकस
रामगढ़ उपचुनाव में गोला और चितपुर क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस क्षेत्र में यूपीए और एनडीए दोनों अपने पक्ष में मतदान करने को लेकर एड़ी- चोटी एक किए हुए हैं . लक्ष्मीकांत वाजपेयी और अविनाश पांडेय दोनों अलग-अलग समय में यहां पर अपने-अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर यहां के मतदाताओं का रूख जानने का प्रयास कर रहे हैं.

पिछली बार की जीत का गणित
पिछले चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी ने 44.70 प्रतिशत वोट लाकर जीत हासिल कर ली थी. आजसू को 31.86 और भाजपा को 14.26 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. इस बार भाजपा और आजसू इस सीट पर साथ चुनाव लड़ रहे हैं.
झारखंड बनने के बाद पहली बार यहां साल 2005 में विधानसभा चुनाव हुए थे
बिहार से अलग होने के बाद पहली बार यहां साल 2005 में विधानसभा चुनाव हुए थे. इस सीट पर आजसू के चंद्र प्रकाश चौधरी ने जीत हासिल की थी. यह जीत 2005, 2009 और 2014 तक कामय रही .साल 2019 में जब चंद्रप्रकाश चौधरी गिरिडीह से सांसद बन गये. अपनी पत्नी सुनीता चौधरी को मैदान में उतारा. मगर इस सीट पर कांग्रेस की ममता देवी ने बाजी मार ली.पिछले चार दशकों में विधासभा के जितने चुनाव हुए उनमें से वर्ष 1977 से लेकर 2000 तक किसी एक दल को यहां लगातार जीत हासिल नहीं हुई .जनता पार्टी, कांग्रेस, झामुमो, भाजपा और सीपीआई के उम्मीदवार यहां जीत हासिल कर चुके हैं.
ये भी पढ़ें : Jharkhand: लाचार सिस्टम ने ले ली JSSPS कैडेट अंजली उरांव की जान