Price Drop: देश में बढती महंगाई पर नियंत्रण को लेकर अब केंद्र सरकार गंभीर दिखने लगी है. महंगाई पर काबू पाने को लेकर सरकार ने पहल भी शुरू कर दी है. पहले पेट्रोल डीजल पर उत्पाद शुल्क कम कर राज्य सरकार को वैट कम करने को कहा. अब खाद्य तेल की कीमतों पर अंकुश की तैयारी के बीच अच्छी खबर यह है कि इंडोनेशिया से बड़ी मात्रा में पॉम तेल आने से जल्द ही इनकी कीमतों में गिरावट(Price Drop) आने की उम्मीद है. तेल व्यापारियों का कहना है कि इससे देश में खाद्य तेलों की उपलब्धता में सुधार होगा और आने वाले सप्ताह में उनकी कीमतों में कमी आ सकती है, क्योंकि इंडोनेशिया ने भारत को दो लाख टन कच्चा पाम तेल भेज दिया है.
कीमतों में गिरावट का लाभ 15 जून के बाद मिलना शुरू हो जाएगा
उद्योग के विशेषज्ञों की मानें तो इंडोनेशिया द्वारा कमोडिटी पर निर्यात प्रतिबंध हटाने के बाद सोमवार को भेजी गई खेप इस सप्ताह के अंत तक भारत पहुंच जाएगी और 15 जून तक खुदरा बिक्री के लिए उपलब्ध होगी. ऐसे में कीमतों में गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को 15 जून के बाद मिलना शुरू हो जाएगा. खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से चिंतित, इंडोनेशिया ने 28 अप्रैल को पॉम के तेल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद इंडोनेशिया ने प्रतिबंध 23 मई को समाप्त कर दिया.
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सभी प्रकार के खाद्य तेलों की कीमतों में नरमी
हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि हाल के हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सभी प्रकार के खाद्य तेलों की कीमतों में नरमी आई है, लेकिन जब से भारतीय रुपये में गिरावट आई है, उपभोक्ताओं को कीमतों में नरमी का लाभ नहीं मिल पाया है। उद्योग का उम्मीद है कि आपूर्ति बढ़ने से 2022-23 की दूसरी छमाही में पाम तेल की कीमतों में क्रमिक रूप से कमी आने लगेगी। भारत लगभग 1.3 टन खाद्य तेलों का आयात करता है, जिनमें से लगभग 85 लाख टन पाम तेल है। इसमें से लगभग 45 फीसदी पाम तेल इंडोनेशिया से और बाकी मलेशिया से आता है।
सौंदर्य प्रसाधनों के दाम घटेंगे
पॉम ऑयल का इस्तेमाल खाने के साथ साबुन और शैंपू जैसे सौंदर्य प्रसाधनों में भी बड़ी मात्रा में होता है. ऐसे में यदि पॉम ऑयल की कीमत में गिरावट आती है तो इन उत्पादों के दाम घटने में तय हैं. हाल के दिनों में कई एफएमसीजी कंपनियों ने लागत बढ़ने की वजह से कीमतों में इजाफा किया था।

बिस्कुट और चॉकलेट के साथ चिप्स और अन्य पैकेटबंद खाद्य होंगे सस्ते
बिस्कुट और चॉकलेट के साथ चिप्स और अन्य पैकेटबंद खाद्य पदार्थों में भी पॉम ऑयल का इस्तेमाल होता है। इन उत्पादों के दाम पिछले एक साल में 25 से 30 फीसदी तक बढ़े हैं। कई कंपनियां फिर से सात से 10 फीसदी दाम बढ़ाने की तैयारी कर रहीं थीं। लेकिन पॉम ऑयल सस्ते होने से उन्हें उत्पादों के दाम कम करने पड़ेंगे।
घर की पेंटिंग होगी सस्ती
पिछले दिनों उद्योग जगत ने पॉम ऑयल का पेंट निर्माण में इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई थी। पॉम तेल का पेंट उद्योग में 23 फीसदी इस्तेमाल होता है। कीमतों पर अंकुश के लिए पेंट क्षेत्र में इसका इस्तेमाल घटाने की मांग हो रही थी। हालांकि, अब आयात शुल्क घटने और इंडोनेशिया से सस्ते पॉम तेल के आयात से पेंट उद्योग की लागत भी घटेगी। इससे पेंट की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है।
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