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New building Jharkhand High Court: राष्‍ट्रपति मुर्मू ने झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन का किया उद्घाटन , मुख्यमंत्री हेमंत और CJI रहे मौजूद

New building Jharkhand High Court: रांची: झारखंड हाईकोर्ट के नवनिर्मित बिल्डिंग और परिसर का उदघाटन बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया . उदघाटन समारोह  (New building Jharkhand High Court) में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डॉ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार मिश्र सहित न्यायपालिका से जुड़े बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे .

झारखंड हाईकोर्ट के नये भवन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेनने कहा कि यह झारखंड की करोड़ों जनता के लिए गौरव का क्षण है. उन्होंने कहा कि करीब 600 करोड़ की लागत से 165 एकड़ में झारखंड हाईकोर्ट भवन का निर्माण किया गया है.

नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए- सीएम

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि करोड़ों जनता के लिए यह गौरव का क्षण है. आदिवासी बहुल राज्य में निर्मित यह भवन दूसरे राज्यों के भवन से बहुत बड़ा है. यह सरल सुलभ न्याय दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा. कई गरीब आदिवासी आज जेल में बंद हैं. 4 वर्षो से अधिक लंबित मामलों की सूची तैयार है, जिसका निष्पादन 6 महीने में करने की कोशशि है. इसकी मोनिटरिंग मैं खुद कर रहा हूं. एपीपी की नियुक्ति इसमें कारगर साबित होगी. 506 न्यायिक पदाधिकारी कार्यरत हैं. जो भी अवश्यकताएं होंगी, राज्य सरकार पूरा करेगी. वरीय न्यायिक सेवा की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण की मांग करता हूं. केंद्र सरकार भी उच्च न्यायालय के लिए कोई स्कीम चलाये, जिसमें आधारभूत संरचना में राज्य सरकार को सहयोग मिले. न्यायपालिका में आदिवासियों की कम संख्या चिंता का विषय है. न्यायिक सेवा की नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए.
न्याय व्यवस्था को गरीबों तक पहुंचाना हमारी प्रतिबद्धता- CJI
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय का नया भवन भविष्य में न्याय का उच्च मार्ग प्रशस्त करेगा. न्यायपालिका का विस्तार होने के साथ साथ से आम लोगों की आस्था को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है. साधन एवं साक्षरता के अभाव में न्याय व्यवस्था को गरीबों तक पहुंचाना हमारी प्रतिबद्धता है. समय पर सुनवाई जरूरी है. पर मूलभूत सुविधाओं की कमी है. जिला न्यायालयों को जब समानता मिलेगी, तभी हम आगे बढ़ सकते हैं. वहां महिलाओं के लिए शौचालय तक नहीं है. कहा कि संविधान में निहित भाषाओं को अपनाना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने पहल की है. 6000 से ज्यादा मामले का जजमेंट हिंदी में अनुवाद हुआ.

खासियत 

165 एकड़ में फैले इस हाईकोर्ट में (New building Jharkhand High Court) सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा गया है. एंट्री गेट से ही इसकी भव्यता और खूबसूरती की झलक दिखने लगती है. कोर्ट बिल्डिंग के दोनों ओर भव्य बिल्डिंग बनाई है जिसमें महाधिवक्ता के अलावा वकीलों के बैठने की जगह और लाइब्रेरी की व्यवस्था है. पूरे कोर्ट परिसर सेंट्रलाइज्ड एसी लगी हुई है.

ये भी पढ़ें : पथ निर्माण विभाग के 170 अभियंताओं का तबादला, अधिसूचना जारी

 

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