झारखंड को सोलर एनर्जी का हब बनाने की तैयारी, तीन दर्जन कंपनियों ने दिखाई रुचि

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार राज्य को सोलर एनर्जी का हब बनाने की तैयारी में भी जुटी हुई है। साथ ही झारखंड में सोलर प्लांट लगाने के लिए तीन दर्जन से अधिक कम्पनियों ने दिखा कर झारखंड की उम्मीदों को पर लगा दिये है। यूएई ग्रुप, टाटा पावर समेत तीन दर्जन से अधिक कंपनियों झारखंड में सोलर पावर प्लांट लगाना चाहती हैं। ज्रेडा द्वारा पहले चरण में चार हजार मेगावाट के प्लांट के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट निकाला था जिसके बाद बुधवार को हुई प्री बिड कांफ्रेंस में ढेरों कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। ज्रेडा के निदेशक केके वर्मा, परियोजना निदेशक विजय कुमार सिन्हा व कार्यपालक अभियंता मुकेश प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड में तीन दर्जन से अधिक कम्पनियों की रुचि सोलर प्लांट लगाने की है।

पहले चरण में 4000 मेगावाट सौर क्षमता का लक्ष्य

ज्रेडा ने निवेशकों को बताया कि झारखंड ने 2022 में झारखंड राज्य सौर नीति लागू की है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य राज्य में सौर ऊर्जा क्षमता वृद्धि को बढ़ावा देना और सौर परियोजना विकास के लिए राज्य में निवेश बढ़ाना है। साथ ही अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करना है। नीति के तहत पहले चरण में एक हजार और तीन हजार, कुल चार हजार मेगावाट सौर क्षमता वृद्धि का लक्ष्य रखा है। इसमें कहा गया कि परियोजनाओं की न्यूनतम क्षमता 500 किलोवाट होनी चाहिए और नियामक प्रावधानों का अनुपालन करना चाहिए।

डेवलपर्स 25 वर्षों तक प्लांट की करेंगे देखरेख

  • झारखंड सरकार जिन कम्पनियों को का चयन करेगी, उनके लिए उसने कुछ गाइडलाइन्स भी बनाये हैं।
  • चयनित डेवलपर्स 25 वर्षों तक प्लांट के वित्तपोषण, निर्माण, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे।
  • प्रावधानों के तहत, इच्छुक डेवलपर्स खरीदारों को बिजली की आपूर्ति के लिए दो तरीके अपना सकते हैं।
  • राज्य में वितरण कंपनियों को निर्धारित टैरिफ पर बिजली दे सकते हैं।
  • डेवलपर 25 वर्षों के लिए डिस्कॉम के साथ पीपीए पर हस्ताक्षर करेगा।

डेवलपर्स के पास बिजली की खरीद के लिए अपना स्वयं का खरीदार तैयार है, तो डेवलपर सीधे बिजली खरीदार के साथ पीपीए पर हस्ताक्षर कर सकता है। प्री-बिड मीटिंग में 55 डेवलपर्स और 10 बैंक/वित्तीय संस्थानों ने भाग लिया है।

सरकार हर प्रकार से करेगी मदद

परियोजना निदेशक विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि राज्य सरकार चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा सोलर प्लांट राज्य में लगाये जायें। इसके लिए सरकार हर प्रकार का सहयोग करने के लिए तत्पर हैं। निवेशक यहां खुले दिल से आयें, अपना प्रस्ताव दें और आगे जो भी कठिनाई आयेगी तो सरकार समाधान करेगी। वहीं कार्यपालक अभियंता मुकेश प्रसाद ने बताया कि सौर ऊर्जा नीति के तहत निवेशकों को आमंत्रित किया गया है। निवेशकों को कई लाभ देने का भी प्रावधान है।

  • झारखंड में सोलर प्लांट लगाने के लिए ये कंपनियों आयीं सामने
  • एरोसॉट हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड
  • वी गार्ड
  • आइटी ग्रुप
  • ग्लोबल मार्केटिंग हाउस
  • किर्लोस्कर सोलर टेक्नोलॉजी
  • भारत इको सोलर
  • एसओएल इंडिया
  • एमइआरसी ट्रेडिंग
  • नोवा, लूम सोलर
  • एपीएस पावर
  • जय माता दी
  • मां दुर्गा थर्मल पावर
  • श्री कलेक्शन
  • सोलराइज टेक्नो इंडस्ट्रीज
  • विदित एनर्जी
  • सोलर इंडस्ट्रीज
  • वैष्णवी इंजीनियरिंग
  • टाटा पावर रिनेवबल
  • वेंचर ग्रीन
  • गौरव हाइटेक
  • नारायणी पावर
  • इंपावर कंस्ट्रक्शन
  • एआरके एंड कंपनी

प्री बिड में कुछ कम्पनियां ऑनलाइन जुड़ीं

  • बूंद सोलर
  • बृहस्पति टेक्नोलॉजी
  • एमटीपीसीएल
  • सप्तर्षि पुरकायस्थ
  • अल्ट एनर्जी
  • अवाडा एनर्जी
  • एनरेटिया सन पावर
  • यूएई ग्रुप।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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