भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक और धमाका किया किया। बाबूलाल मरांडी ने झारखंड में फिर एक शराब घोटाला किये जाने की आशंका जता कर सनसनी फैला दी है। उन्होंने झारखंड की हेमंत सरकार पर हमला करते हुए बड़ा आरोप लगाया है कि वह एक बार फिर कालेधन धन का खेल खेलने जा रही है। यहां यह बताना जरूरी है कि 2022 में झारखंड में छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले की आंच झारखंड भी पहुंची थी, उसी घोटाले में रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा ने झारखंड के आईएएस विनय चौबे को भी आरोपी बनाया है।
बाबूलाल मरांडी ने भी छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि झारखंड में तीसरी बार शराब घोटाले की साजिश रची जा रही है। पिछली बार इसमें छत्तीसगढ़ के शराब माफिया शामिल थे। इस बार पंजाब और हरियाणा के शराब माफियाओं को लाने की योजना बन रही है। इस घोटाले की पटकथा भी बिरसा मुंडा जेल से लिखी जा रही है।
बाबूलाल ने कहा है कि झारखंड सरकार के एक ही मकसद है कि कैसे ज़्यादा से ज़्यादा काला धन इकट्ठा किया जाये। ताकि उसका इस्तेमाल चुनाव में खर्च किया जा सके। इसी मकसद से राज्य सरकार तीसरी बार शराब नीति लाने की योजना बना रही है। चुनाव के समय गांव-गांव में शराब बांटना है। जिस सरकार का कार्यकाल दो महीने बचा है। वह अगले तीन साल के लिए शराब दुकान का ठेका परोक्ष रूप से पंजाब-हरियाणा वालों को सौंप कर काला धन वसूलना चाहती है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर दिया सुझाव
ऐसा नहीं है कि बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर सिर्फ हमला ही बोला। उन्होंने सरकार को शराब नीति को लेकर कुछ आवश्यक सुझाव भी दिये। उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि गांव की गरीब आदिवासी महिलाएं, जो शराब बेचती हैं, उन्हें सरकारी शराब वितरण के माध्यम से जोड़ा जाए। साथ ही बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद वह इस प्रस्तावित शराब नीति को रद्द करेगी। वह शराब नीति से ऐसे काम करेगी, जिसका लाभ यहां के लोगों को मिले न कि दूसरे राज्यों के ठेकेदारों को।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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