मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी नौकरी बांट रहे हैं या मौत? उत्पाद सिपाही बहाली की दौड़ में हुई अभ्यर्थियों की मौत के बाद बाबूलाल ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना

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उत्पाद सिपाही के बहाली में भाग लेने वाले तीन अभ्यर्थियों की मौत हो गई है. सभी मौत पिछले 36 घंटे के अंदर हुई है. तीनों अभ्यर्थियों की पहचान हो चुकी है. दौड़ में भाग लेने वाले 80 के करीब अभ्यर्थी बेहोश हुए थे. चार अभ्यर्थियों को इलाज के लिए रिम्स रेफर किया गया है. करीब 12 अभ्यर्थियों का इलाज मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में किया जा रहा है.

झारखंड में उत्पाद सिपाही बहाली के लिए दौड़ की प्रक्रिया शुरू की गई है. पलामू के चियांकि हवाई अड्डा पर बहाली के लिए दौड़ का आयोजन किया गया है. दौड़ की प्रक्रिया 9 सितंबर तक चलेगी. गुरुवार को इलाज के क्रम में मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में बिहार के गया के रहने वाले एक अभ्यर्थी अभिषेक कुमार की मौत हुई थी. गुरुवार की रात ही रिम्स रेफर हुए एक अभ्यर्थी की मौत हुई है. मृतक अभ्यर्थी पलामू के छतरपुर का रहने वाला है.

उत्पाद सिपाही की दौड़ में हजारीबाग के भी एक अभ्यर्थी की मौत

हजारीबाग में उत्पाद सिपाही की बहाली के लिए चल रही दौड़ में एक और अभ्यर्थी की मौत हो गई है। यह 8 दिन के अंदर दूसरी मौत है जो हजारीबाग जिले के पदमा पुलिस ट्रेनिंग केंद्र में बहाली के दौरान हुई है। पहले मांडू के महेश कुमार की मौत हुई थी, उसके परिजनों ने इलाज में अनियमितता का आरोप लगाया था। अब गिरिडीह के सूरज वर्मा की मौत दौड़ के दौरान हो गई है।

बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट

झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर झारखंड की हेमंत सरकार को घेरा है और सवाल पुचा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी नौकरी बांट रहे हैं या मौत? आगे उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि उत्पाद सिपाही भर्ती की अधिसूचना 8 अगस्त को निकली, 14 अगस्त को एडमिट कार्ड दिया गया और शारीरिक दक्षता परीक्षण के लिए 22 अगस्त से दौड़ का आयोजन शुरू किया गया। ऐसे में महज 15 दिनों में अभ्यर्थी दौड़ की क्या तैयारी करेंगे? हेमंत सरकार द्वारा आपाधापी में भादो की उमस भरी गर्मी में दौड़ आयोजित कराने के कारण ही राज्य के 6 बेरोजगार युवक मौत के मुंह में समा गए। हेमंत सरकार ने भर्ती केंद्रों पर ना तो पीने के पानी की व्यवस्था है, ना शौचालय की और ना ही महिलाओं द्वारा छोटे बच्चों को स्तनपान कराने की कोई व्यवस्था है… ऐसी कुव्यवस्था से तो बेरोजगार युवा मरेंगे ही! हेमंत जी, लगता है आपने नौकरी नहीं देने के लिए ही मौत बांटने का इंतजाम पक्का कर दिया है। जनता को बताइए कि आखिर इन 6 बेरोजगार युवकों की मौत का जिम्मेवार कौन है? राज्य सरकार 6 बेरोजगार युवकों के मौत की न्यायिक जांच कराए और मृत युवकों के आश्रितों को उचित मुआवजा तथा सरकारी नौकरी उपलब्ध कराएं।

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