न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
रूस-यूक्रेन संघर्ष पिछले साल शुरू हुआ था। इस संघर्ष को एक साल बीत जाने के बाद भारत और यूक्रेन के दो नेताओं की आज जापान में आमने-सामने मुलाकात हुआ। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमिर जेलेंस्की की यह पहली मुलाकात है। इस मुलाकात के समय भारत के रक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी मौजूद थे। रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दोनों नेताओं में टेलीफोन पर कई बार बात हो चुकी है। लेकिन आमने-सामने पहली बार बैठे। बता दें, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समय G-7 शिखर सम्मेलन के लिए जापाने के शहर हिरोशिमा में मौजूद है। इन दोनों नेताओं की मुलाकात पहले से ही निर्धारित थी। जेलेंस्की जापान के बुलावे पर शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।
सात का समूह, जिसमें अमेरिका, फ्रांस, यूके, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं, दुनिया के सबसे अमीर लोकतंत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। अपनी G7 अध्यक्षता के तहत, जापान ने भारत और सात अन्य देशों को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है। इस सम्मेलन के मकसद पूर्वी यूरोपीय क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करना है। बता दें, भारत ने कई मौकों पर रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत कर शांति बहाल करने का आह्वान कर चुका है।
यूक्रेन युद्ध दुनिया के लिए एक बड़ा मसला – पीएम मोदी
जेलेंस्की के साथ बैठक के बाद पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन युद्ध दुनिया के लिए एक बड़ा मसला है। इस युद्ध का पूरी दुनिया पर असर पड़ रहा है। यह युद्ध अर्थव्यवस्था, राजनीति और मानवता सबको प्रभावित कर रहा है। पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत और मैं युद्ध के समाधान के लिए जो कुछ भी सम्भव हो सकेगा, करेंगे।
जापान में कई शीर्ष नेताओं से मिले पीएम मोदी
जेलेंस्की के साथ मुलाकात से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जापानी समकक्ष फूमियो किशिदा, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और वियतनामी प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। आज के शिखर सम्मेलन के समय बड़ा ही रोचक दृश्य तब देखने को मिला जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी सीट से उठ कर आये और बड़ी गर्मजोशी के साथ न सिर्फ मिले बल्कि उन्हें गले भी लगा लिया।
तीन देशों के दौरे पर हैं पीएम मोदी
बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी G-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये जापान के शहर हिरोशिमा में मौजूद है। 19 मई को शुरू हुआ पीएम को यह दौरा 21 मई को समाप्त हो जायेगा। जी-7 शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री पापुआ न्यू गिनी और उसके बाद ऑस्ट्रेलिया जायेंगे। ऑस्ट्रेलिया में दो दिनों तक बैठकों का दौर चलेगा, उसके बाद प्रधानमंत्री स्वदेश लौटेंगे।
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