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PM Modi praise khunti: पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में की खूंटी की चर्चा, बोरी बांध के जरिए जल संरक्षण के प्रयास का उदाहरण दिया

image source : social media

PM Modi praise khunti रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi praise khunti) ने जल संरक्षण पर जोर दिया है. ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए मोदी ने बताया कि सरकार कैसे जल को संरक्षित करने की कोशिश कर रही है. पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में खूंटी के लोगों का भी उदाहरण दिया (PM Modi praise khunti) कि कैसे वे बोरी बांध के जरिए जल को संरक्षित करते हैं. इसके बाद इसी पानी से किसान अपने खेतों की सिचाई करते हैं. जिससे उनके खेतों में काफी अच्छी सब्जियां उगाई जाती है.

खूंटी जिले से शुरू हुआ बोरी बांध का मॉडल जल संरक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुआ है. खूंटी जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसायटी और ग्राम सभा के संयुक्त मुहिम को ग्रामीणों के सहयोग से इसे मुकाम तक पहुंचाया जाता है. बोरी बांध के माडल को पूरे देश में सराहा गया और इस मॉडल के लिए जिला को दो नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है. जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के तहत शुरू किए गए इस आंदोलन को ग्रामीणों का भरपूर सहयोग मिला. पठारी क्षेत्र होने के कारण विभिन्न क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में जल की समस्या उत्पन्न होती है. नदी-नालों को पानी बहकर चला जाता है. ऐसे में सेवा वेलफेयर संस्था ने समुदाय की जिम्मेदारी तय करते हुए उनके एकजुटता का एहसास कराते हुए इस समस्या से निपटने के लिए समुदाय को आगे आने के लिए प्रेरित किया.

खूंटी जिले में जिला प्रशासन और सेवा वेलफेयर सोसाइटी के सहयोग से 44 गांव में करीब 110 बोरी बांध बनाए गए हैं. जबकि जल संरक्षण के इस तरीके को सीखकर अलग-अलग गांवों के लोगों ने 150 से ज्यादा बोरी बांध बनाने का काम किया है. बोरी बांध बनाने के लिए ग्रामीण श्रमदान करते हैं. इससे लगभग एक हजार एकड़ जमीन की सिंचाई हुई. मवेशियों को भी पीने का पानी मिला. इस मॉडल की बदौलत संबंधित इलाकों के भूगर्भीय जलस्तर में भी इजाफा हुआ है. इस अभियान की शुरुआत पांच दिसंबर 2018 को तोरपा प्रखंड के तपकरा इलाके से हुई. इसके लिए मुखिया सुदीप गुड़िया ने ग्रामीणों को प्रेरित करना शुरू किया. तपकरा अंबाटोली समेत कई गांवों में बोरी बांध बनाने के लिए सेवा वेलफेयर सोसाइटी ने ग्रामसभाओं को सीमेंट की खाली बोरियां उपलब्ध कराई, फिर श्रमदान का दौर शुरू हुआ. ग्रामसभा ने श्रमदान के जरिए बरदा नाला पर चार बोरी बांधों का निर्माण पूरा किया.

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