New Parliament Building Row नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नई संसद भवन (New Parliament Building) का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. जिसमें भारत के राष्ट्रपति द्वारा नई संसद का उद्घाटन करने के लिए लोक सभा सचिवालय और भारत सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका सुनने के लायक नहीं है. गनीमत है कि हमने जुर्माना नहीं लगाया. ऐसी याचिका देखना हमारा काम नहीं है. हम जानते हैं कि ऐसी याचिका क्यों दाखिल हुई? बता दें कि याचिका में 28 मई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नए संसद भवन (New Parliament Building) का उद्घाटन (New Parliament)करने का निर्देश देने की मांग की गई है. अब इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने ये जनहित याचिका दाखिल की थी. उन्होंने याचिका में कहा था, उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है. ऐसा करके संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है.
याचिका में कहा गया था कि संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है. भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन (राज्यों की परिषद) राज्यसभा और जनता का सदन लोक सभा शामिल हैं. राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने और सत्रावसान करने की शक्ति है. साथ ही संसद या लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है.
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