Part-Time PhD: यदि आप नौकरी के साथ -साथ PhD करना चाहते हैं, तो आपके लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। अब जल्द ही जॉब करने वाले लोग भी अपनी नौकरी के साथ पार्ट टाइम पीएचडी भी कर सकेंगे। UGC ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। UGC अधिकारियों को मुताबिक आगामी सत्र से देश के विश्वविद्यालय नौकरीपेशा लोगों को पार्ट टाइम पीएचडी कोर्स (Part-Time PhD) ऑफर करेंगे।
जल्द ही शिक्षा मंत्रालय अधिसूचित करेगा
पार्ट टाइम डॉक्टरल प्रोग्राम करने वालों को कोर्स का कम से कम छह माह का समय फुल टाइम देना होगा। यूजीसी अधिकारियों ने कहा कि पार्ट टाइम पीएचडी (PhD) का प्रावधान यूजीसी के (मिनिमम स्टैंडर्ड एंड प्रोसिजर फॉर अवॉर्ड ऑफ पीएचडी डिग्री) रेगुलेशन 2022 का हिस्सा होगा। इसे जल्द ही शिक्षा मंत्रालय द्वारा अधिसूचित कर दिया जाएगा। पार्ट टाइम पीएचडी की पात्रता शर्तें फुल टाइम पीएचडी के समान ही होंगी। ये बदलाव आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू हो जाएंगे।
फेलोशिप के योग्य नहीं होंगे
यूजीसी (UGC) के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने कहा, ‘पार्ट टाइम पीएचडी वालों का मूल्यांकन उसी तरह किया जाएगा जैसे फुल टाइम पीएचडी छात्रों का किया जाता है। पार्ट टाइम पीएचडी के अभ्यर्थी नौकरीपेशा लोग होंगे, इसलिए वह पीएचडी फेलोशिप के योग्य नहीं होंगे। ‘पार्ट टाइम पीएचडी अभ्यर्थियों को कोर्स का कम से कम छह माह का समय फुल टाइम देना होगा। इसके अलावा उन्हें अपनी कंपनी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) भी लाना होगा।
नौकरी छोड़ने या लंबी छुट्टी लेने की नहीं पड़ेगी जरूरत
कुमार ने कहा, ‘आवेदकों को अपनीं कपनियों से एक एनओसी लेनी होगी जिसमें लिखा होना चाहिए कि कर्मचारी को पार्ट टाइम आधार पर अध्ययन की इजाजत दी गई हो । कमर्चारी को रिसर्च के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। कोर्सवर्क पूरा करने के लिए जरूरत पड़ने पर उसे ड्यूटी से छुट्टी भी दी जाएगी।’ वर्तमान में बहुत से आईआईटी संस्थान पार्ट टाइम रिसर्च कोर्स करवाते हैं। लेकिन डीयू और जेएनयू जैसे केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अधिकारियों का कहना है कि उनके यहां पार्ट टाइम पीएचडी कोर्स नहीं है। एक यूजीसी अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय पार्ट टाइम पीएचडी कोर्स को लेकर अपने नियम बना सकेंगे।
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