देशभर के छात्रों की 10वीं, 12वीं की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। ऐसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर का भांति इस बार भी छात्रों को परीक्षा के तनाव से मुक्त रहने के साथ परीक्षा में अच्छे मार्क्स से पास होने के मूल मंत्र दे रहे हैं। दिल्ली के भारत मंडपम में ‘परीक्षा पे चर्चा’ सुबह 11 बजे शुरू हुई। प्रधानमंत्री मोदी की क्लास में छात्रों ही शिक्षक भी मौजूद हैं।
पीएम मोदी की “परीक्षा पे चर्चा का ये सांतवा एपिसोड है। प्रधानमंत्री का इस कार्यक्रम का उद्देश्य ही यही है कि छात्र के माध्यम से भारत का उसका भविष्य मिल सके। अभी चूंकि कच्ची उम्र है, इसलिए उन्हें तराशना आवश्यक है। इसी उद्देश्य को लेकर पीएम हर साल देशभर के करोड़ों छात्रों को मोटिवेट करते हैं। आपको जानकर आश्यर्च होगा कि इस बार 2.25 करोड़ छात्रों ने परीक्षा पे चर्चा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है।
प्रधानमंत्री गंभीरता ही नहीं, हास्य-विनोद के साथ छात्रों को प्रेरित करते हैं। सोमवार को पीएम ने छात्रों से कहा- ‘ये प्रश्न हर बार आया है और अलग-अलग तरीके से आया है। इसका मतलब यह है कि सात सालों में सात अलग-अलग बैच इन परिस्थितियों से गुजरे हैं। विद्यार्थियों के बैच बदलते हैं, लेकिन शिक्षकों के बैच नहीं बदलते।’ पीएम मोदी ने शिक्षकों को सुझाव दिया कि यदि शिक्षक पिछली चर्चाओं की अंतर्दृष्टि को प्रभावी ढंग से छात्रों तक पहुंचाएं, तो यह धीरे-धीरे समस्या को कम कर सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक माता-पिता ने ऐसे दबावों का अनुभव किया है और विभिन्न दबावों से निपटने के लिए लचीलापन बनाने के महत्व पर जोर दिया।
स्पर्द्धा दूसरों से नहीं खुद से कीजिए – पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आपको स्पर्धा किससे करनी है? मान लीजिए 100 नंबर के में आपका दोस्त अगर 90 नंबर ले आया तो क्या आपके लिए 10 नंबर बचे है? आपके लिए भी 100 नंबर हैं। आपको उससे स्पर्धा नहीं करनी है आपको खुद से स्पर्धा करनी है।” पीएम ने छात्रों को निराशावादी रवैये से बचते हुए जीवन की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनने का प्रयास करना का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि तनाव जीवन का एक अंतर्निहित हिस्सा है, और व्यक्तियों को अपने स्वयं के अनूठे तरीकों से इस पर काबू पाने के लिए खुद को तैयार करने की जरूरत है, अपनी शर्तों पर दबाव का सामना करने और उस पर विजय पाने का दृढ़ संकल्प लेना चाहिए।
पीएम मोदी ने छात्रों को क्या-क्या दी टिप्स
- परीक्षा का दबाव धीरे-धीरे कम करें
- प्रेशर को खुद पर हावी न होने दें
- कन्फ्यूजन सबसे बुरी स्थिति
- दोस्तों से हमेशा सीखने की जरूरत
- स्पर्द्धा दोस्तों से नहीं खुद से करें
- अपनी क्षमता पर भरोसा करें
- मुश्किलों से घबराना नहीं चाहिए
- मोबाइल की तरह शरीर को रिचार्ज करना जरूरी
- शिक्षकों और छात्रों के बीच संवाद जरूरी
- चुनौती को चुनौती देना मेरी प्रवृत्ति
- चुनौती होती है तो उसके समाधान भी होते हैं
- हर हाल में हमें निर्णायक होना चाहिए
- हर भारतीय को सामर्थ्यवान बनना है
- देश की शक्ति पर भरोसा रखना होगा
- चुनौतियां न हों तो जीवन चेतनाहीन
- लिखने की प्रैक्टिस बार-बार करें
- निराश नहीं होंगे तो सकारात्मक विचार आयेंगे
- सकारात्मक सोच एक बड़ी ताकत है
- सामूहिक शक्ति से कोरोना से जीत मिली
- मुझे युवाओं के भविष्य की चिंता है
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह भी पढ़ें: Land for Job मामले में फंसे लालू प्रसाद पहुंचे ईडी कार्यालय, घोटाले पर देंगे जवाब