न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
होली हिन्दुओं का खास त्यौहार है और पलाश होली को खास बनाता है। आज भले ही होली मनाने के लिए तरह-तरह के रंग और आर्टिफिशिल पदार्थ बाजार में उपलब्ध है, फिर भी पलाश का महत्व कम नहीं है। आज भी देश के कई भागों में लोग पलाश के फूलों से प्राकृतिक रंग और गुलाल तैयार करते हैं और उसी से ही होली खेलते हैं। पलाश चटकीले नारंगी रंग का होता है। फागुन के मौसम में जब इसके पेड़ फूलों से लदे होते हैं तो जंगल में आग लगे होने का भ्रम होता है। यह गंधहीन, किन्तु चर्मरोगों को दूर करने के औषधीय गुणों से भरपूर होता है। लेकिन क्या आपने सफेद फूल के बारे में सुना या देखा है? सफ़ेद पलाश के फूल और छालों से औषधियों का निर्माण होता है, जिससे कई लाइलाज बीमारियां दूर हो जाती हैं।
ऐसी मान्यता भी है कि सफ़ेद पलाश के फूल और जड़ की सिद्धि करने से धनवर्षा होती है। फाल्गुन मास में होली और सफेद पलाश को खास माना जाता है। सफेद पलाश भगवान शिव को प्रिय है। होली के दिन इस पेड़, इसके पुष्प और इसकी छाल की घास का महत्व अधिक होता है, लेकिन अब यह फूल दुर्लभ हो गया है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार इस दुर्लभ सफेद पलाश के पेड़ की से धन, संपदा, ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त होती है। अद्भुत और दुर्लभ एक सफेद पलाश का पेड़ मध्य प्रदेश के मंदला जिले के मोहगांव के ग्राम सकरी में स्थित हैं। जहां होली के दिन लोगों का जमावड़ा होता है। सफेद फूल से तांत्रिक भी तंत्र साधना भी करते हैं।
ऐसी मान्यता है कि सफेद पलाश जहां धन वर्षा, तांत्रिक क्रियाओं में खास महत्व रखता है वहीं इस पलाश के पुष्प, पत्ते और छाल भगवान शिव को बेहद प्रिय हैं इस पुष्प से न केवल भगवान शिव का शृंगार बेहद महत्व रखता है, बल्कि साधु संत इस पेड़ के पुष्प, पत्तों का महाकाल के अभिषेक के लिए उपयोग करते हैं।
सफेद पलाश के फूल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास
वास्तु की दृष्टि से भी सफेद पलाश बेहद खास है। सफेद पलाश के वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस पेड़ के फूल बहुत ही चमत्कारी होते हैं। पलाश के फूल को घर में रखने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है।
कहते हैं सफेद पलाश का वृक्ष घर में लगाने से धन में वृद्धि और खुशहाली आती है। धन से जुड़ी समस्या को दूर करने के लिए पलाश का फूल और एक एकाक्षी नारियल लेकर सफेद कपड़े में बांध लें और इसे तिजोरी या पैसे रखने वाले स्थान पर रख दें। बता दें कि पलाश का अगर ताजा फूल न मिले तो सूखे फूल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
किन्तु दुःखद है कि सफेद पलाश के पेड़ों की संख्या अब नगण्य हो गयी है। जहां है भी लोग उसके महत्व को नहीं समझ रहे हैं इस कारण ये दुर्लभ वृक्ष भी आधुनिकता की भेंट चढ़ गया है। मध्य प्रदेश में सफेद पलाश के दो दुर्लभ पेड़ बचे हुए हैं। जिनमें से एक मंडला जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर जंगलों के बीच बसे सकरी ग्राम में यह अति दुर्लभ है। जानकार बताते हैं कि यह वृक्ष करीब 250 वर्ष पुराना है।
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