न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुंछ में आतंकी हमले में, जिसमें सेना के 5 जवान शहीद हो गये, पाकिस्तान का हाथ होने के संकेत मिल रहे हैं। एक तरफ पाकिस्तान के विदेश मंत्री अगले महीने भारत में होने वाली SHO की मीटिंग में भारत आने को लेकर उत्साह दिखा रहे हैं, दूसरी तरफ पाकिस्तान अपनी औकात भी दिखा रहा है। गुरुवार के इस आतंकी हमले की एक के बाद एक परतें खुलती जा रही है। पहले इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने की बात सामने आ रही थी, लेकिन अब खबर आ रही है कि जैश समर्थित आतंकी संगठन पीपल्स एंडी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकी संगठन PAFF 2019 से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है। बता दें, गुरुवार को आतंकी हमले में शही हुए पांच जवानों में से चार पंजाब के और एक ओडिशा के रहने वाले थे।
क्या है आतंकी संगठन पीएएफएफ
- PAFF 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद सक्रिय हुआ है। 2019 के बाद ही पहली बार इस संगठन का नाम सामने आया था।
- PAFF अंसार गजवत-उल-हिंद के मारे गए कमांडर जाकिल मूसा से प्रेरित है। जिसे पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का समर्थन प्राप्त है।
- बताया जा रहा है कि संगठन को लश्कर-ए-तैयबा से फंडिंग मिलती है।
- PAFF 2020 के बाद से करीब 40 छोटी-बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दे चुका है।
पीएएफएफ की बड़ी वारदातें
- 2022 में राजौरी में सेना के कैंप पर आतंकी हमले में 4 जवान शहीद हुए थे। इस हमले में PAFF का नाम सामने आया था।
- 14 अक्टूबर, 2021 को तलाशी अभियान के दौरान आतंकी हमले में 9 जवान शहीद हुए थे। इस हमले में भी PAFF का नाम सामने आया था।
- 3 अक्टूबर, 2022 को जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (जेल) हेमंत लोहिया की घर में घुसकर हत्या भी पीएएफएफ ने की थी।
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