न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
पाकिस्तान में जो सियासी संकट चल रहा है, उस पर भारत की भी निगाहें हैं। क्योंकि पाकिस्तान वह देश है जो भारत के लिए हमेशा मुश्किलें पैदा करता रहता है। वर्तमान में जो राजनीतिक संकट पाकिस्तान में है, उससे पाकिस्तान के हालात काफी बिगड़े हुए है, और जब पाकिस्तान के हालात बिगड़ते हैं, तब भारत के लिए खतरा और बढ़ता है, क्योंकि इसका सीधा संबंध आतंकवाद से है।
भारत के आम लोगों में भी इमरान सरकार के जाने की खबरों में दिलचस्पी है। सब यह जानना चाहते हैं कि इमरान खान के जाने का भारत को फायदा होगा या नुकसान। इमरान खाने के जाने और नयी सरकार के आने के बाद उम्मीद है कि आपसी संबंधों में थोड़ा बदलाव देखने को मिले। इमरान खान के रहते हुए भारत के रिश्ते पाकिस्तान से बेहद खराब हुए हैं। इमरान खान की हठधर्मिता के कारण ही भारत ने पाकिस्तान से अपने सारे व्यापारिक सम्बंध तोड़ लिये। इसका नुकसान पाकिस्तान को तो हुआ ही, आर्थिक नुकसान भारत को भी उठाना पड़ा है। इसके अलावा कुछ वस्तुएं जिनकी आमद सिर्फ पाकिस्तान से ही हो सकती है, भारत आनी बंद हो गयी हैं। इनमें एक है सेंधा नमक। सेंधा नमक भारतीय संस्कृति में रची-बसी वस्तु है, जिसका उपयोग पर्व, त्योहार और उपवास में विशेष किया जाता है। सेंधा नमक पाकिस्तान से ही भारत आता था। फिलहाल यह पाकिस्तान से अरब के रास्ते भारत आ रहा है, जिससे इसकी कीमत में इजाफा हो गया है।
आमजन के अलावा, विशेषज्ञ भी मानते हैं कि पाकिस्तान की सत्ता से इमरान खान का जाना भारत के लिए अच्छी खबर होगी। भारत सरकार की नीतियों के कारण पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों पर वर्तमान में काफी अंकुश है, लेकिन तालिबान खान (इमरान खान) ने सत्ता में आने के बाद आतंकवाद को खूब हवा दी है। इमरान के पाकिस्तान की सत्ता सम्भालने के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमराई है। जिससे वहां महंगाई आसमान छू रही है। ऐसा माहौल पाकिस्तान में कट्टरपंथी ताकतों के पनपने के लिए काफी मुफीद होता है और हुआ भी वही कि पाकिस्तान में आतंकवाद इमरान सरकार में तेजी से बढ़ा। आतंकवाद का बढ़ना भारत के लिए कभी भी अच्छी खबर नहीं होती। क्योंकि उनके पास कश्मीर नामक मुद्दा हमेशा रहता है। कश्मीर का जिक्र आते ही आतंकवादियों की नसों में उबाल आने लगता है। इमरान खान जब तक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर रहे, कश्मीर मुद्दे को हवा देते रहे और प्रधानमंत्री मोदी और भारत के खिलाफ आग उगलते रहे। कश्मीर मुद्दे का राग भी वह कई मंचों से अलापते रहे हैं। वहीं मुस्लिमों के मामले वह मोदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं। भारत से ही नहीं, इमरान खान ने अफगानिस्तान से भी अपने संबंध खराब किये। अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद इमरान खान का कहना था कि अफगानिस्तान के साथ संबंध अच्छे होंगे, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। तहरीक-ए-तालिबान द्वारा पाकिस्तान सेना पर आए दिन हमले किए जा रहे हैं, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद भी चल रहा है।
पाकिस्तान में चीन का घुसना भी भारत के लिए सरदर्द बना है। यह समस्या इमरान खान के पाकिस्तान की सत्ता में आने के बाद ज्यादा बढ़ी है। इमरान सरकार चीन की गोद में जा बैठी थी जो भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए ठीक नहीं है। चीन और पाकिस्तान का एक दूसरे को बेहजह तरजीह देने से चीनी और भारतीय सेना के बीच भी तनातनी खूब हुई है। यह तनातनी इमरान खान की सरकार बनने के बाद कुछ ज्यादा ही देखने को मिली।
यह भी पढ़ें: बिहार में MLC निर्दलीय प्रत्याशी के काफिले पर AK47 से हमला, अपराधियों ने ताबड़तोड़ बरसायी गोलियां