भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में 16 दिसम्बर बेहद खास होने वाला है, क्योंकि इसी दिन केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक राष्ट्र चुनाव (One Nation One Election) विधेयक 2024’ सदन के पटल पर रखने वाले हैं। खबर है कि विधेयक को चर्चा के लिए संसदीय संयुक्त समिति (JPC) के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। बता दें कि सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक देश, एक चुनाव’ विषय पर कोविंद समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दी है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘एक देश, एक चुनाव’ का अपना विचार रखा।
सदन पटल पर जो विधेयक प्रस्तुत किया जायेगा, उसमें देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने के लिए विधेयक में पहला संशोधन पेश किया गया है। जबकि दूसरे विधेयक में दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी में एक साथ विधानसभा चुनाव कराने का प्रस्ताव है।
एक देश एक चुनाव की अवधारणा के पीछे क्या है उद्देश्य?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक देश एक चुनाव की अवधारणा के पीछे का उद्देश्य भी स्पष्ट किया है। उनका उद्देश्य देश में लोकसभा और विधानसभाओं का चुनाव एक साथ चुनाव कराना है। उन्होंने इसको रेखांकित करते हुए अपना विचार भी प्रस्तु किया। उनका मानना है कि देश हर समय कहीं न कहीं चुनावों में उलझा रहता है, इससे राष्ट्र की अमूल्य सम्पत्ति के साथ संसाधनों का भी दुरुपयोग होता है। देश एक बार चुनावों से मुक्त हो जायेगा तो अपने संसाधनों का सही उपयोग भी कर पायेगा। इससे देश को विकास करने में भी मदद मिलेगी।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह भी पढ़ें: BJP के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती, अचानक बिगड़ी तबीयत