न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
खाद्य तेलों की कीमतें पहले से ही आसमान छू रही हैं, लेकिन इंडोनेशिया के एक कदम ने भारत सरकार ही नहीं, आम भारतीय नागरिकों की समस्या को बढ़ा दिया है। पाम ऑयल के सबसे बड़ा उत्पादक देश इंडोनेशिया ने पाम ऑयल के कच्चे माल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध 28 अप्रैल यानी कल से लगने वाला है। वैसे तो इंडोनेशिया ने यह कदम अपने घरेलू बाजार में पॉम ऑयल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए उठाया है, लेकिन इसका सीधा असर भारत पर पड़ने वाला है। फिलहाल इंडोनेशिया ने केवल रिफाइंड, ब्लीच्ड डिओडोराइज्ड पॉमोलेन के निर्यात पर ही बैन लगाया है। क्रूड पॉम ऑयल और अन्य डैरिवेटिव उत्पादों का निर्यात जारी रखेगा। भारत को इंडोनेशिया सबसे ज्यादा पॉम ऑयल के कच्चे माल का निर्यात करता है। दूसरे नम्बर पर पाम ऑयल से बड़ा निर्यातक मलयेशिया है। निर्यात रोके जाने की खबरों के असर से भारतीय बाजार में खाद्य तेलों के भाव तेज हो गए हैं। वहीं, आने वाले समय में 10 फीसदी तक इसके और तेज होने की आशंका है।
पाम ऑयल का सर्वाधिक आयात इंडोनेशिया से
भारत 70% पाम ऑयल इंडोनीशिया से खरीदता है जबकि 30% मलयेशिया से। मौजूदा वक्त में भारत करीब 90 लाख टन पाम तेल का आयात करता है। 2020-21 में भारत ने 83.1 लाख टन पाम तेल आयात किया था।
खाद्य तेल के अलावा पाम ऑयल के अन्य उपयोग
ताड़ के पेड़ में होने वाले फलों से निकालने वाले पाम ऑयल का इस्तेमाल मुख्य रूप से खाद्य तेल के तौर होता है। लेकिन इसके अन्य उपयोग भी हैं। केक, चॉकलेट, कॉस्मेटिक, साबुन और शैंपू जैसी कई चीजों में पाम ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है।
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