Chess Olympiad में भारत का ऐतिहासिक ‘गोल्डन मोमेन्ट’
भारतीय खेलों में नित नयी ऊंचाइयां भरती जा रही हैं। पेरिस में खत्म हुए ओलम्पिक, फिर पैरालंपिक्स, फिर एशियाई हॉकी में धमाकेदार जीत, लेकिन अब जो हुआ है, उसके आगे भारतीय खेलों की सारी उपलब्धियों का रंग थोड़ा फीका पड़ गया है। भारतीय टीम ने शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण जीतकर इतिहास रच दिया है। यह शतरंज ओलंपियाड हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में आयोजित हुई थी। इस प्रतिष्ठित शतरंज प्रतियोगिता में भारत ने ओपन में न सिर्फ पुरुषों ने बल्कि महिला ने भी स्वर्णिम सफलता दर्ज की है।
भारतीय पुरुष टीम का जलवा
45वें चेज ओलंपियाड के 10वें राउंड में भारतीय खिलाड़ियों ने अमेरिका को 2.5-1.5 से हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया। डी गुकेश ने फैबियानो कारूआना को शिकस्त दी। ग्रैंडमास्टर और विश्व चैंपियनशिप चैलेंजर डी गुकेश ने फैबियानो कारूआना को हराकर पुरुष कैटेगरी में पहली बार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। सबसे बड़ी बात यह कि भारतीय पुरुष टीम ने फाइनल तक अपराजित रहकर ओलंपियाड 2024 में गोल्ड मेडल जीता है।
भारतीय महिलाओं ने भी किया कमाल
महिला टीम में रमेशबाबू वैशाली, हरिका द्रोणावल्ली, वंतिका अग्रवाल, तानिया सचदेव और दिव्या देशमुख ने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए शीर्ष स्थान हासिल किया। भारतीय महिला टीम की खिलाड़ियों ने 10वें राउंड में चीन को 2.5-1.5 से हराकर अपना कारवां आगे बढ़ाया। इससे पहले भारत का अमेरिका से मुकाबला ड्रॉ रहा था। हालांकि अब चीन को हराने के बाद भारतीय महिला खिलाड़ियों के हौसले बुलंद हैं। टीम ने शानदार वापसी की है। भारतीय महिला टीम में अब तक सिर्फ दिव्या देशमुख ने जीत दर्ज की है, जबकि वंतिक अग्रवाल, वैशाली और हरिका ने मुकाबला ड्रॉ कराया।
चेस की स्वर्णिम जीत युवाओं को करेगी प्रेरित
चेस ओलंपियाड में भारतीय टीम की सफलता के कई मायने हैं। भारत की यह उपलब्धि न केवल भारतीय चेस खिलाड़ियों की प्रतिभा को दर्शाती है, बल्कि यह भारत में चेस के विकास को भी प्रदर्शित करती है। भारतीय टीम की सफलता के पीछे कई कारक हैं, जिनमें से एक महत्वपूर्ण कारक है टीम की एकता और सहयोग। खिलाड़ियों ने एक दूसरे का समर्थन किया और मिलकर अपने लक्ष्य की दिशा में काम किया ।
भारतीय टीम की यह सफलता युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगी। सबसे बड़ी बात यह है कि देश के युवा जो सिर्फ क्रिकेट के पीछे भागते हैं, हाल के दिनों में दूसरे खेलों में मिल रही लगातार सफलता से युवाओं का दूसरे खेलों की ओर रुझान बढ़ना तय है। चेस को ही लें, भारत में चेस के धुरंधर खिलाड़ी उंगलियों पर गिने जा सकेंगे। लेकिन अब भारतीय युवा चेस को अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित होंगे। ऐसी सफलताओं से ही भारत में चेस की लोकप्रियता को बढ़ावा मिलेगा और देश को विश्व स्तर पर एक मजबूत चेस शक्ति के रूप में स्थापित करेगा।
पहली बार चेस में भी देखने को मिली टीम स्पिरिट
अब तक आपने चेस को दो खिलाड़ियों के बीच खेलते हुए देखा होगा। दोनों खिलाड़ी आपस में प्रतिद्वन्द्वी होते हैं और एक दूसरे को मात देने के ले दांव पर दांव आजमाते हैं। लेकिन चेस ओलंपियाड में टीम स्पिरिट देखने को मिली और उसी के बल पर इतनी बड़ी जीत हासिल हुई।खिलाड़ियों ने टीम एकता का परिचय दिया और एक दूसरे का समर्थन किया। जिससे जीत का लक्ष्य हासिल किया गया।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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