देश के मस्जिदों को हिन्दू मंदिर घोषित किये जाने की मांग तो चल ही रही है, इसी क्रम में अब राजस्थान के अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के संकटमोचन महादेव मंदिर घोषित करने की मांग उठ गयी है। इसको लेकर स्थानीय कोर्ट में एक याचिका भी दायर कपर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। इस तरह के दावे किये जाने के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बिफर पड़े हैं। हालांकि अदालत ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। बता दें कि हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अपने वकील के माध्यम से दीवानी न्यायाधीश की अदालत में यह याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता का दावा है कि दरगाह मंदिर के खंडहरों पर बनाई गई है। इतना ही नहीं, उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से उस स्थान का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने का भी आग्रह किया है।
हालांकि मामले पर अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होनी है, इस बीच, अजमेर दरगाह के खादिमों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ही नहीं, असदुद्दीन ओवैसी भी इसकी कड़ी निंदा कर रहे हैं।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह भी पढ़ें: Jharkhand: कल्पना सोरेन की सभाओं में उमड़ने वाली भीड़ का एक नजारा यह भी…