Note Withdrawal and Naxal: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया है. हालांकि, 30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के नोट लीगल टेंडर रहेंगे. इसलिए रिजर्व बैंक ने कहा कि जिनके पास भी 2000 रुपये के नोट हैं, वो 30 सितंबर 2023 तक बदलवा लें. वही इस वजह से लोगों को परेशान ना होना पड़े, इसे लेकर मंगलवार से देश भर में 2000 रुपये के नोट को बदलने के लिए बैंकों में प्रक्रिया शुरू की जा रही है.
पुलिस और सुरक्षा एजेंसी बरत रहे सतर्कता
जहां एक ओर लोग अपने नोट को बदलने की कवायद में जुटे हैं तो वहीँ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लेवी और फिरौती के जरिए अकूत नोट जमा करने वाले नक्सली संगठनों के सामने 2000 के नोट बंद होने के बाद अब इन नोटों को खपाने का संकट पैदा हो गया है. (Note Withdrawal and Naxal) यहां के नक्सली और उग्रवादी संगठन लेवी से वसूले गए करोड़ों की नकदी को ठिकाने लगाने के लिए हाथ-पैर मार रहे हैं. ऐसे में आनेवाले दिनों में निश्चित तौर पर नक्सली येन – केन-प्रकारेण इन पैसों को बदलने का प्रयास करेंगे. वहीँ पुलिस और सुरक्षा एजेंसी नक्सल इलाके में सतर्क हो गए हैं और कई लोगों पर नजर भी बनाए हुए है.
नक्सलियों के पास बढ़ सकता है नकदी का संकट
सूत्रों के अनुसार, पलामू, गढ़वा व लातेहार के इलाकों में कुछ व्यवसायियों पर नक्सली दवाब डाल सकते हैं और उनसे पुराने नोट ले लेने और बदले में छोटे नोट पहुंचा देने को कह सकते हैं. नक्सली संगठनों के पास जो रकम लेवी और फिरौती के रूप में आती है, वह अभी तक पांच सौ और दो हजार रुपये के बड़े नोटों के रूप में ही आती है. दो हजार के नोटों के चलन पर रोक लगने के बाद नक्सलियों के पास नकदी का संकट बढ़ सकता है.
हाई अलर्ट पर पुलिस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नक्सल इलाकों में बैंक, सीएसपी एवं माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर भी निगरानी रखी जा रही है. ग्रामीण इलाकों के जेवर कारोबारियों पर भी पुलिस की नजर है. नक्सलियों को खनन वाले इलाके से खूब लेवी मिलती है. दरअसल माओवादी, टीएसपीसी और जेजेएमपी जैसे नक्सल संगठन पलामू, गढ़वा और लातेहार, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, चतरा और बिहार के गया, औरंगाबाद से करोड़ों रूपये लेवी के रूप में वसूले हैं. दो हजार के नोटबंदी को लेकर निगरानी को बढ़ाया गया है. (Note Withdrawal and Naxal) इसको लेकर पुलिस पूरी तरह हाई अलर्ट पर है.
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