टीम इंडिया के ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी ने मेलबोर्न टेस्ट में न सिर्फ शतक ठोंका, बल्कि उन्होंने टीम की फजीहत होने से भी बचायी। भारत ऑस्ट्रेलिया के बनाये 474 रनों से भले ही अभी 116 रन पीछे है, लेकिन यह नीतीश रेड्डी के शतक की बदौलत हो सका कि भारत थोड़े बेहतर स्थिति में पहुंच गया। भारत एक समय ऐसी स्थिति में था जब उसके ऊपर फॉलोआन का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन नीतीश रेड्डी ने वाशिंगटन सुन्दर से साथ आठवें विकेट के लिए 127 रन की पार्टनरशिप करके यह खतरा टाल दिया। वाशिंगटन सुन्दर तो 50 रन बनाकर आउट हो गये, लेकिन नीतीश अभी भी 105 बनाकर क्रीज पर डटे हुए हैं। भारतीय ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी ने कमाल का खेल दिखाया। नीतीश ने 171 गेंदों में अपनी सेंचुरी पूरी की। नीतीश 10 चौके और 1 छक्के के साथ 105 रन बनाकर नाबाद हैं। चौथे टेस्ट का तीसरे दिन का खेल समाप्त हो चुका है और भारत का स्कोर 9 विकेट पर 358 रन है।
बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के चौथे टेस्ट में एक काफी भावुक क्षण भी उत्पन्न हो गया। नीतीश रेड्डी ने जैसे ही शतक जमाया स्टेडियम में मैच देख रहे उनके पिता भावुक हो गये। और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। बता दें कि नीतीश रेड्डी के पिता मुत्याला ने अपने बेटे के क्रिकेट करियर के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी थी।
शनिवार को भारत ने जब अपनी पारी भारत का स्कोर 5 विकेट पर164 रनों से आगे बढ़ायी तो लोगों को यही उम्मीद थी कि हो सकता है टीम फॉलोऑन कर जाये। और एक समय टीम का स्कोर 221 रन पर 7 विकेट भी हो गया था। लेकिन नीतीश रेड्डी और वाशिंगटन सुन्दर अलग ही इरादे के साथ मैदान पर डट गये। दोनों ने आठवें विकेट के लिए 127 रनों की साझेदारी निभाकर यह खतरा टाल दिया है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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