न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
झारखंड में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामले में दायर याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। यह याचिका गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की ओर से दायर की गयी थी। मामलो को सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल बेंच को स्थानांतरित करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल तय की है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आजसू के गिरिडीह सांसद चन्द्रप्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। सांसद का कहना है कि राज्य के ओबीसी के साथ सरकार ज्यादती कर रही है। बगैर ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराना इसका परिचायक है। अब तो सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा। सांसद चन्द्रप्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसला का ही हवाला देते हुए याचिका दायर की है जिसमें ट्रिपल टेस्टिंग के बाद ओबीसी आरक्षण देने की बात कही गयी है। ट्रिपल टेस्टिंग के लिए सरकार को कमीशन का गठन करना है, लेकिन सरकार चुनाव के बाद कमीशन का गठन कर ट्रिपल टेस्टिंग की बात कर रही है।
झारखंड सरकार बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव कराने के पीछे सुप्रीम कोर्ट के ही ट्रिपल टेस्टिंग को आधार बता रही है। मंत्री आलमगीर आलम ने विधानसभा में कहा था कि चुनाव के बाद सरकार ट्रिपल टेस्ट कराएगी। क्योंकि ट्रिपल टेस्ट के तहत कमीशन गठन कर पिछड़ा वर्ग का इंपीरियल डाटा इकट्ठा करना था और इसके आधार पर पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का प्रावधान लागू करना था। आजसू सांसद द्वारा जो याचिका दायर की गयी है उसमें भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ही हवाला दिया गया है। आदेश के आलोक में राज्य सरकार को पिछड़ा वर्ग को पंचायत चुनाव में आरक्षण देने हेतु ट्रिपल टेस्टिंग कराने के लिए कमेटी का गठन करना जरूरी है, जो कि राज्य सरकार ने नहीं किया। राहुल रमेश वाघ बनाम महाराष्ट्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए ट्रिपल टेस्ट फार्मूला पूरे देश में लागू करने का आदेश दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि ट्रिपल टेस्ट के बगैर पंचायत चुनाव कराने की स्थिति में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को अनारक्षित मानना होगा।
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