मोटापा तय करने की आयी नयी परिभाषा! अब 2 स्टेज में पता कीजिए, कौन है मोटा!

भारत में 15 वर्षों बाद एक स्टडी आयी है जो यह बतायेगी कि मोटापा क्या है। जबकि पिछले 15 वर्षों से एक चार्ट से हम हम यह निर्धारित करते रहे हैं कि मोटापा क्या है। बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) नामक इस चार्ट में लम्बाई और वजन के आधार पर मोटापा तय किया जाता है। परन्तु एक नये शोध के अनुसार, भारत में अब किसे मोटा कहेंगे और किसे नहीं, इसकी परिभाषा बदल गयी है। नेशनल डायबिटीज ओबेसिटी एंड कोलेस्ट्रॉल फाउंडेशन यानी एन-डॉक, फोर्टिस अस्पताल और एम्स दिल्ली ने यह नयी परिभाषा तय की है। इस नयी परिभाषा के अनुसार, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) से मोटापे के पता लगाने के सिद्धांत को बदल दिया है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने मोटापे के लिए दो स्टेज की परिभाषा बनायी है। इसको लेकर एक रिसर्च ब्रिटिश मेडिकल जर्नल दी लांसेट डायबिटीज और एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित किया गया है। यह शोध अक्टूबर 2022 से जून 2023 के बीच किया गया है। इसमें युवा, बुजुर्ग और महिलाओं में मोटापे और उनसे जुड़ी हुई बीमारियों का अध्ययन है।

क्या है दो स्टेज की मोटापे की परिभाषा?

नये रिसर्च में मोटापे को दो स्टेजों में बांटा गया है। दोनों चरणों के लिए शुरुआती मानदंड बीएमआई 23 से अधिक रखा गया है। पहले स्टेज को इनोसियस ओबेसिटी और दूसरी स्टेज को ओबेसिटी विद कंसिक्वेंसेज कहा गया है।

पहला स्टेज

बीएमआई > 23 किग्रा/वर्ग मीटर पहले स्टेज में शरीर पर मोटापा तो दिखता है, लेकिन इससे अंगों की कार्यक्षमता या रोजमर्रा के कामों पर कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन इसे नियंत्रित नहीं किया गया और 23 से कम नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

दूसरा स्टेज

दूसरे स्टेज में मोटापा सिर्फ शरीर पर दिखता ही नहीं, बल्कि इसके साथ शरीर के कई अन्य अंग भी बेडौल दिखने लगते हैं। जैसे कमर बढ़ना या कमर-छाती अधिक चौड़ी हो जाना समेत कई अन्य चीज प्रभावित होने लगती है। स्टेज 2 के इस मोटापा से कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

बॉडी मास इंडेक्स से नापा जाता है मोटापा

पिछले 15 सालों से भारत में बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के आधार पर मोटापा नापा जाता है। जिसमें ऊंचाई और वजन के आधार पर शरीर में वसा की माप की जाती है। 23 से 30 का बीएमआई अधिक वजन का संकेत देता है। 30 से अधिक का बीएमआई मोटापे का संकेत देता है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

यह भी पढ़ें: जेपीएससी प्रथम-द्वितीय परीक्षा की ‘अनियमितताओं’ पर HC में अगली सुनवाई 5 फरवरी को