Plastic Waste का उपयोग कर देश में 703 किलोमीटर लम्बा नेशनल हाईवे तैयार किया गया है। जय जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari ने गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर दी है। गडकरी ने बताया कि अब तक 703 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग करके किया गया है। गडकरी ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरी क्षेत्रों के 50 किलोमीटर परिधि में आने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर फुटपाथ के समय-समय पर नवीनीकरण कोट में Plastic Waste के अनिवार्य उपयोग के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
सड़क निर्माण में प्लास्टिक कचरे का उपयोग पर्यावरण रक्षा में सहायक
प्लास्टिक का प्रयोग करते हुए बनायी जाने वाली सड़कों में 6-8 प्रतिशत प्लास्टिक होता है, जबकि 92-94 प्रतिशत बिटुमेन होता है। गडकरी ने 2016 में सड़क निर्माण में प्लास्टिक कचरे के उपयोग की घोषणा की थी। तब से 11 राज्यों में सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक कचरे का उपयोग किया गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में भारत में 33 लाख मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न हुआ, जो लगभग 9,200 टन प्रतिदिन (टीपीडी) है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल नगरपालिका ठोस अपशिष्ट उत्पादन 55-65 मिलियन टन है और इसमें से प्लास्टिक कचरा लगभग 5-6 प्रतिशत है। प्लास्टिक के उपयोग को विनियमित करने के लिए, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2021 का मसौदा लेकर आया, जो विशिष्ट एकल-उपयोग के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर 1 जनवरी 2022 से सिंगल यूज प्रतिबंध का प्रस्ताव करता है। प्लास्टिक के विशिष्ट एकल उपयोग में गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़ें, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, प्लास्टिक के झंडे और थमोर्कोल शामिल हैं।
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