झारखंड के रांची में पिछले हफ़्ते हिंसा में मारे गए मुदस्सिर का आज हाई स्कूल का रिज़ल्ट घोषित हुआ है, जिसमें मुदस्सिर ने 66.66% अंक प्राप्त कर फर्स्ट डिवीज़न हासिल किया है.
मोहम्मद मुदस्सिर आलम उर्फ कैफी अपनी मां-बाप का इकलौता बेटा था. मुदस्सिर के पिता मोहम्मद परवेज आलम ने कहा कि उनका बेटा तो वापस नहीं लौट सकता, लेकिन वो गद्दार तो बिल्कुल नहीं था. मुद्दसिर देश से बइंतहां मुहब्बत करने वाला था।
रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में डेली मार्केट के नजदीक रहने वाली मुदस्सिर ने इसी साल मैट्रिक की परीक्षा दी थी. मुदस्सिर के चाचा मोहम्मद शाहिद आयूबी ने दावा किया कि वह मुश्किल से 16 साल का था. मान भी लिया जाय कि वो इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगा रहा था…तो क्या इस्लाम जिंदाबाद के नारे लगाने वाले को आप गोली मार देंगे.
क्या 16 साल के एक बच्चे के साथ प्रशासन का ऐसा सलूक होना चाहिए. क्या उसे समझाया नहीं जा सकता था। आयूबी बताया कि परिवार ने जिला प्रशासन और कुछ असामाजिक तत्वों के खिलाफ डेली मार्केट पुलिस थाने में रविवार को शिकायत दर्ज कराई. लेकिन अब तक प्रशासन ने कुछ नहीं किया। फर्स्ट डिविजन लाने वाला 16 साल का मुद्दसिर नहीं रहा. लेकिन दोषी तो वे लोग भी हैं, जिन्होने बच्चे के मन में जहर भरा और उसे हिंसा के लिए उकसाया.
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